Ranchi: श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर के 16वें वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को विधि-विधान से महासुदर्शन होमम सम्पन्न हुआ. भगवान श्रीचक्रराज सुदर्शनजी को शिरोधार्य करके मंदिर के गर्भगृह से यज्ञ मंडप में प्रतिष्ठित किया गया. इसके बाद जगतजननी महालक्ष्मी श्रीश्रीदेवी और श्रीभूदेवी का 16 श्रृंगार के साथ कल्याणोत्सव जगत नियंता भगवान श्रीवेंकटेश्वर के साथ हुआ. इसके उपरांत शनिवार को भगवान श्रीवेंकटेश अपनी प्रेयसी श्रीश्रीदेवी और श्रीभूदेवी के साथ पालकी पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकले. कांचीपुरम का विशेषज्ञ दल पालकी उठा कर चले. जो शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरे.
सुदर्शन होमम से पाप-ताप और संताप मिटते हैं
श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने कहा कि श्री सुदर्शन चक्र षोडशायुध से सम्पन्न है और पूरे ब्रह्माण्ड में सभी प्रकार के आयुध, अस्त्र और शस्त्र से अधिक शक्तिशाली हैं. श्री सुदर्शन चक्र का अवतार स्वयं भगवान के शुभ-संकल्प से हुआ है. इसलिए श्री सुदर्शन चक्र को भगवान का पार्षद भी कहा जाता है. सुदर्शन होमम करने से प्राणियों के सभी पाप, ताप और सन्ताप नष्ट हो जाते हैं. उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. मन्त्रों, श्लोकों से दी गई आहुति
श्री सुदर्शन हवन के साथ श्रीपुरुष सूक्त, भाग्य सूक्त, श्रीनरसिंह, श्रीहयग्रीव श्रीधनवन्तरि, श्रीगरुड़जी श्रीहनुमान जी और श्रीलक्ष्मी कुबेर के मन्त्रों और श्लोकों के साथ आहुतियां दी गईं. इसके बाद नवग्रह और प्रायश्चित हवन करके भूल-चूक की माफी मांगी गई और पूर्णाहुति सम्पन्न हुई. झूमते गाते निकले लोग
अनूप अग्रवाल, विनय धरनीधरका, प्रदीप नारसरिया, मुरारी मंगल, अनीष अग्रवाल, उदय राठौर, नारायण जालान, रंजन सिंह, महेश धरनीधरका, सत्यनारायण गौतम, गोपेशजी, गगन मिश्रा श्रवण खण्डेलवाल राकेश कुमार एवं जगनारायण प्रसाद के अतिरिक्त 151 ध्वज- निशान उठाए महिला गीत- संगीत,के साथ आगे बढ़ती रहीं. [wpse_comments_template]
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