Ranchi : फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. राजधानी रांची में शनिवार को स्टेन स्वामी के समर्थन में वाम दलों के साथ ही अन्य संगठनों ने जिला स्कूल से राजभवन तक मार्च निकाला.
निकाले गये मार्च में राजनीतिक पार्टियों के अलावा कई संगठन के लोग शामिल थे.
जिनमें- आदिवासी विमिंस नेटवर्क, आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, AIPF, AISA, अखड़ा, CPI, CPI(ML), CSSF, कांग्रेस, मासस, जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी, मानवीय एकता, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड जनाधिकार महासभा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, रोजी रोटी अधिकार अभियान, विस्थापन विरोधी जन विकास आन्दोलन, सिंहभूम आदीवासी समाज, सांझा कदम, NAPM, नैशनल डोमेस्टिक वर्कर्स मूवमेंट के अलावा अन्य संगठनों के लोग भी शामिल थे.
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
स्टेन स्वामी के समर्थन में निकाले गये मार्च में मौजूद लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. जिसमें राज्यपाल से अपील की गयी कि केंद्र सरकार को उनकी निम्न मांगों के विषय में सूचित करें.
1) स्टेन स्वामी समेत सभी राजनैतिक बंदियों को तुरंत रिहा किया जाये.
2) भीमा कोरेगांव मामले को बंद किया जाये और दिल्ली के दंगों में सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरुद्ध फ़र्ज़ी मामलों को तुरंत रद्द किया जाये
3) भारतीय दंड संहिता की धारा 124क (राजद्रोह) एवं धारा 499 (मानहानि), विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को रद्द किया जाये.
इन नेताओं ने की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा
स्टेन स्वामी को हिरासत में लिये जाने की आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल लिंडा ने कड़ी निंदा की. जबकि केंग्रेस जिला सचिव संजय पांडे ने कहा कि स्टेन स्वामी गिरफ्तारी केंद्र सरकार की साजिश का हिस्सा है.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि पूरा देश स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी गांव-गांव में लैंड बैंक नीति के खिलाफ स्टेम स्वामी की ओर से चलाये जा रहे संघर्ष को लोगों ने जारी रखा है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को लोगों पर लग रहे झूठे आरोपों पर संज्ञान लेना पड़ेगा.
बगोदर के विधायक और CPI(ML) के सदस्य विनोद सिंह ने कहा कि ये सड़कें और राजभवन इस बात के गवाह हैं कि स्टेन बार-बार वंचितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मानव अधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धीजीवियों और जन अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले पर झूठे आरोपों का सिलसिला मोदी सरकार के कार्यकाल में बहुत बढ़ गया है.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी ने कहा कि स्टेन स्वामी की रात के अंधेरे में गिरफ्तारी बहुत निंदनीय है. उन्होंने पूछा कि जब स्टेन से उनके आवास पर पूछताछ की जा सकती है, तो उन्हें जेल में बंद करने की क्या ज़रुरत है?
कई सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे मौजूद
वहीं स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध करने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ता भी मार्च में शामिल थे. जिनमें – आलोका कुजूर, नदीम खान, प्रभाकर तिर्की, प्रवीर पीटर, एलीना होरो, विनोद कुमार, सुशांतो मुखर्जी, पीटर मार्टिन, पी.एम. टोनी, दामोदर तूरी, कनक, नौरीन, सुगिया, पुनीता टोपनो शामिल थे.