Ranchi: रांची नगर निगम मेयर आशा लकड़ा ने बुधवार को सरकार द्वारा गरीबों को बांटने के लिए दिए गए कंबल की क्वालिटी खराब होने का आरोप लगाया था. इस पर सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक शत्रुंजय कुमार ने मेयर के आरोप के खिलाफ कहा कि जिला प्रशासन अपने कार्यों को लेकर सजग है. इस पर लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. साथ ही इसकी क्वालिटी बरकरार रखने का काम कर रही है.
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मामले में उन्होंने दो मुख्य बातें कहीं. पहली निविदाकरण (टेंडर दिए जाने वक्त) में कंबल की क्वालिटी किस प्रकार चेक किया गया था. इस पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एनएबीएल लैब से इसकी जांच कराई गई थी. इसके साथ ही टेंडर कमिटी के समक्ष कंबल धोने के बाद, ये कंबल विभागीय मानदंड के अनुसार है. कि नहीं इसकी भी जांच की गई थी. इन सभी मानकों के बाद ही इसे बीड के लिए स्वीकृति दी गई थी.
इसके साथ ही रांची डीसी ने सभी ब्लॉक, नगर पंचायत बुंडू और नगर निगम रांची को कंबल देने के बाद कम्बल की क़्वालिटी पर आपत्ति के लिए एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि दिया गया नमूना कंबल और बांटने के लिए दिए गए कंबल में अगर कोई अंतर है तो इसकी रिपोर्ट वे एक सप्ताह के अंदर दे दे. पर अभी तक विभाग के पास कहीं से भी कंबल के खिलाफ कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है.
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प्रशासन का दावा
कंबल की क्वालिटी चेक की सभी प्रक्रिया की गई थी पूरी दी गई. जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने कंबल की क्वालिटी चेक करने के लिए जिला प्रशासन ने सभी कदम उठाए थे. ब्लॉक और नगर निगम को कम्बल बांटने से पहले कंबल का वजन, उसे धोने के बाद उसकी स्थिति और नगर निगम को उसकी क्वालिटी पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा जाता है. जिला प्रशासन द्वारा यह तीनों कदम उठाए गए थे.
कैसा होना चाहिए कंबल
- कंबल कम से कम दो किलो का होना चाहिए.
- उसकी चौड़ाई 60 इंच और लंबाई 90 इंच होनी चाहिए.
- ऊन्नी प्लेन होना चाहिए.
मेयर ने सरकार पर घोटाला का लगाया है आरोप
बता दे कि रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने बुधवार को निगम को गरीबों को बांटने के लिए दिए गए कंबल के क्वालिटी पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि जो कंबल बांटे जा रहे हैं वह पिछले सरकार के कंबल क्वालिटी से काफी बेकार है. यह कंबल पोछा लगाने लायक भी नहीं है. उन्होंने मामले में सरकार पर घोटाला का आरोप लगाया है और इसपर जांच की मांग की है.
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