Ranchi: विद्या की लक्ष्मी मां सरस्वती की पूजा तीन फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों, मुहल्लों और चौक चौराहों पर मनाया जाएगा. इसे लेकर सभी स्थानों पर छोटे और बड़े स्तर पर पंडाल बनाये जा रहे हैं. घरों और सड़कों पर चलते वाहनों को रोककर दस रुपये, बीस रुपये और पचास रुपये चंदा लिए जा रहे हैं. बड़े पंडाल बनाने के लिए गुमला, लातेहार व गढ़वा से कारीगर बुलाये गए हैं.
वहीं छोटे पंडाल के लिए सामूहिक रूप से युवा अपने स्तर पर पूजा पंडाल बना रहे हैं. छोटे पंडाल बनाने के लिए अपने स्तर पर डिजाइन बनाए जा रहे हैं. कहीं बहती नदी के ऊपर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित किए जायेंगे, तो कहीं तालाब संरक्षण का संदेश भी देते दिखाई देंगे. वहीं आसपास के पर्यावरण से धीरे-धीर तितली गायब को बचाने का संदेश के रूप में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित किए जायेंगे.
मोरहाबादी
स्वास्तिक रेसीडेसी में फ्लाइट के बीच सरस्वती पूजा मनाया जाएगा. यहां पर दूसरी बार पूजा हो रही है. पूजा के दिन स्थानीय कलाकारों को बुलाया जा रहा है. पूजा पंडाल के अध्यक्ष प्रकाश साहा ने बताया कि सुबह नौ पूजा शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही भजन कीर्तन का भी आयोजन होगा, जो मां सरस्वती की महिमा का गुणगान करते दिखाई देंगे.
कांटाटोली
नेताजी नगर कॉलोनी श्री अन्नापूर्णा क्लब में रांची का सबसे बडा प्रतिमा स्थापित किया जा रहा है. यहां पर डेढ़ लाख की लागत से शिवाजी के किले का भव्य पंडाल बनाया जा रहा है. इसके साथ ही मां सरवस्ती प्रतिमा भी महाराष्ट की संस्कृति के अनुसार बनाई जा रही है. इसमें दो बच्चों को पढ़ाते हुए मां सरस्वती दिखाई देंगी. पूजा समिति के समीर, आयुष, सनि, सानु,अंश, आयुष चक्रवर्ती ने बताया कि सुबह आठ बजे पूजा शुरू हो जाएगी. शाम में भोग का वितरण होगा. पांच फरवरी को मां सरस्वती का बहुबाजार स्थित छठ घाट तालाब में विसर्जित किया जायेगा. वहीं धुर्वा पूजा पंडाल में स्वर्ग से माता का अवतरित रूप को मूर्तिकार बनाते हुए दिखाई देंगे.
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