देवकमल अस्पताल को 10 साल तक चलाने का मिला था अनुबंध
निगम ने वर्ष 2014 में देवकमल अस्पताल के साथ रातू रोड चौराहे पर स्थित निगम के अस्पताल को 10 साल तक चलाने का अनुबंध किया था. नगर निगम ने देवकमल अस्पताल को पीपीपी मोड पर अस्पताल संचालन के लिए दिया था. साथ ही नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को इलाज में 10 से 20 प्रतिशत की रियायत देने की बात कही थी. अस्पताल के 20 प्रतिशत बिस्तर निगम कर्मियों के लिए आरक्षित किए जाने थे.समझौते को वर्ष 2020 में समाप्त कर दिया गया था
लेकिन इस समझौते को वर्ष 2020 में समाप्त कर दिया गया, क्योंकि देवकमल अस्पताल आरएमसी की शर्तों का उल्लंघन कर रहा था. समझौते को समाप्त करने से पहले रांची नगर निगम ने एक सितंबर 2020 को देवकमल अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भी दिया था, जिसका प्रबंधन ने 21 सितंबर को जवाब दिया था. लेकिन निगम अस्पताल के जवाब से संतुष्ट नहीं था. इसलिए न तो टैक्स मिला और न ही कोई सुविधा.अस्पताल के लिए नई नीतियां तैयार कर रहे हैं- मुकेश कुमार
रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि देवकमल अस्पताल के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया, क्योंकि यह उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता था. मामले को देखने के लिए एक समिति का गठन किया गया था. आरएमसी को कोई राजस्व का हिस्सा नहीं दिया गया था और लोगों को नुकसान उठाना पड़ा था. उन्होंने ये भी कहा कि 2021 में उपायुक्त की मांग पर जिला प्रशासन को अस्पताल में कोविड रोगियों को समायोजित करने के लिए अस्पताल दिया गया था, जिसे आइसोलेशन वार्ड चलाने के लिए प्रॉमिस हेल्थ केयर को सौंप दिया गया था. हम अब अस्पताल के लिए नई नीतियां तैयार कर रहे हैं. जिला प्रशासन को अस्पताल को आरएमसी को वापस सौंपने के लिए एक पत्र भी भेजा गया है, क्योंकि कोविड -19 के मामलों में गिरावट आयी है. इसे भी पढ़ें - हरमू">https://lagatar.in/dirt-spreading-from-chicken-mutton-and-fish-shops-in-harmu-market-who-is-responsible/">हरमूबाजार में चिकन,मटन और मछली की दुकानों से फैल रही गंदगी, जिम्मेदार कौन ? [wpse_comments_template]

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