Ranchi: ऑल इंडिया पोस्टल -आरएमएस पेंशनर्स एसोसिएशन की झारखंड शाखा की बैठक रांची जीपीओ में शनिवार को केडी राय व्यथित की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) को अनिवार्य रूप से आयुष्मान के साथ लिंक किये जाने के सरकारी निर्णय का विरोध किया गया. कहा गया कि ये सीजीएचएस के लाभार्थियों के साथ अन्याय है.आयुष्मान में इलाज की सीमा पांच लाख रुपये है और सीजीएचएस लाभार्थियों के इलाज के लिए ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. सीजीएचएस के लाभार्थियों ने एकमुश्त राशि जमा कर खुद को इस व्यवस्था से जोड़ा और इसका लाभ ले रहे हैं. लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्रालय इस व्यवस्था को ध्वस्त कर सीजीएचएस के लाभार्थियों को बीपीएल की श्रेणी में लाना चाहता है, ताकि आनेवाले दिनों में सीजीएचएस जैसी स्वास्थ्य व्यवस्था का निजीकरण किया जा सके और केंद्रीय कर्मचारियों व केंद्रीय पेंशनर्स को निजी अस्पतालों के रहमो करम पर छोड़ दिया जाए.
इसे पढ़ें- कमल का फूल खिलाएं, पीएम मोदी का हाथ मजबूत करें : मनीष जायसवाल
एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्णय का विरोध करते हुए सरकार से मांग की कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 28 मार्च 2024 को जारी आदेश को अविलंब वापस लिया जाए. बैठक में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पोस्टमैन और मेलगार्ड के जनवरी 1996 के बकाया भुगतान को लेकर चिंता जतायी और निर्णय लिया गया कि मई के अंत में मुख्य डाक महाध्यक्ष कार्यालय के सामने राज्यस्तरीय भूख हड़ताल की जाएगी. 12 मई को धनबाद में राज्य कार्यकारिणी की बैठक आहूत की गई है, जिसमें रांची, गुमला,सिमडेगा,हजारीबाग,गिरिडीह,पलामू,दुमका,जमशेदपुर,बोकारो सहित धनबाद के प्रतिनिधि भाग लेंगे. शनिवार को हुई एसोसिएशन की बैठक में रंगनाथ पांडे,आरबी बैठा,अवधेश पाठक, इशहाक मिंज, मनरखन महतो, रामलखन सिंह, जेरोम कुजूर, संजय कुमार,जयराम प्रसाद, सहदेव प्रसाद साहू, लखना उरांव, साधन सिन्हा, एम जेड खान,गौतम विश्वास, बीके चौधरी, केडी रॉय व्यथित मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें- CSDS की सर्वे रिपोर्ट ने मोदी सरकार की पोल खोल दी- कांग्रेस