Ranchi : धुर्वा स्थित पारस एचईसी अस्पताल ने स्वास्थ्य चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है.पारस एचईसी अस्पताल में सोमवार को करीब 2.5 किलो के ट्यूमर की सफल सर्जरी की गयी. इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने में जनरल सर्जन डॉ. (मेजर) रमेश दास और डॉ. ओमप्रकाश ने दिया. साथ ही एनेस्थीसिया टीम से डॉ. शिव अक्षत और डॉ. प्रियंका शामिल रहे. फुटबॉल के आकार के ट्यूमर को पेट से निकाला गया.पारस एचईसी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने बहुत ही दुर्लभ रेट्रोपेरिटोरियल लाइपोमा (retroperitoneal lipoma) की सर्जरी करने में सफलता हासिल की है. इसे भी पढ़ें-इस">https://lagatar.in/iit-jee-will-be-organized-globally-this-year-examinations-will-be-held-in-25-countries/">इस
साल विश्व स्तर पर होगा आईआईटी-जेईई का आयोजन, 25 देशों में परीक्षाएं होंगी 66 वर्षीय सबीना तिर्की के इस ट्यूमर की वजह से पेट, किडनी और फेफड़ों पर दबाव बढ़ा हुआ था. जिस वजह से मरीज़ को उल्टियां हो रही थी और शौच करने में भी समस्या आ रही थी. फेफड़ों पर दबाव के कारण सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. इन सभी कारणों की वजह से जल्द ही सर्जरी करने का निर्णय लिया गया. जिसके बाद सबीना के पेट से फुटबाल के आकार (20cm x30cm) का ट्यूमर निकाला गया. इस ट्यूमर का वजन 2.5 किलो से भी ज़्यादा है. इस ट्यूमर को निकालने में डॉक्टरों की टीम को तीन घंटे का समय लगा. इसे भी पढ़ें-रांची">https://lagatar.in/ranchi-assistant-municipal-commissioner-inspected-the-special-cleaning-drive-of-drains/">रांची
: नालियों के विशेष सफाई अभियान का सहायक नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण इस सर्जरी के बारे में डॉ (मेजर) रमेश दास, डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, पारस एचईसी अस्पताल, रांची ने बताया कि रेट्रोपेरिटोरियल ट्यूमर एक बेहद दुर्लभ ट्यूमर है जो कि एक लाख लोगों में से दो प्रतिशत से भी कम लोगों में होता है. इसका आकार काफी बड़ा होता है. पेट के पिछले हिस्से में होने की वजह से यह बेहद खतरनाक भी हो जाता है.रेट्रोपेरिटोरियल लाइपोमा एक ट्यूमर होता है जिसको की वेनायल ट्यूमर कहते हैं और ये बहुत सारे फैट सेल्स यानी चर्बी वाले सेल्स से मिलकर बनते हैं. जिसे ट्यूमर ऑफ फैटी सेल्स बोलते हैं. [wpse_comments_template]
रांची : पारस एचईसी अस्पताल ने कीर्तिमान स्थापित किया, 2.5 किलो के ट्यूमर की सफल सर्जरी

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