Ranchi: एचईसी के पारस अस्पताल के डॉक्टरों ने वीपी शंट माइग्रेशन के साथ दुर्लभ इंसीजनल हर्निया का सफल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई. 50 साल की महिला मरीज पेट दाहिने हिस्से में गंभीर दर्द और सूजन की शिकायत लेकर पारस अस्पताल पहुंची. महिला ने बताया कि वह असहनीय दर्द से गुजर रही है. कई सरकारी और निजी अस्पतालों में दिखायी, मगर कहीं उसका इलाज नहीं हो पाया.
पारस के डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में एडमिट कर लिया. फिर उनका इलाज शुरू किया. जांच में पाया कि बड़े आकार की सिस्टिक सूजन 15 सेमी X 15 सेमी, पेट दाहिने हिस्से में छोटी सिस्टिक सूजन थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने पूरे पेट का सीटी स्कैन कराया. जिसमें पाया कि बड़े आकार का ब्रेन का पानी सिस्ट के रूप में जमा है. ब्रेन के पानी को संट कर एक नली के द्वारा पेट के अंदर किसी अन्य अस्पताल मैं कुछ वर्ष पूर्व ऑपरेशन क़िया गया था. अभी पाया गया कि वह नली हर्निया के द्वारा पेट से निकल छाती के नीचे एवं पेट के ऊपर एक सिस्ट के अंदर पड़ा हुआ था. जिससे ब्रेन का पानी पेट के अंदर नहीं जा पा रहा था. न्यूरोसर्जन डॉ संजय कुमार एवं डॉ पैट्रिक मिंज ने इस शंट की नली को दुरुस्त कर, पेट के अंदर दूरबीन की मदद से डाला एवं सिस्ट को काट कर निकाला .
डॉ मेजर रमेश दास एवं डॉ ओमप्रकाश, मिनिमली इंवेशिव लेप्रोस्कोपिक सर्जन की टीम ने दूरबीन के द्वारा बड़े से हर्निया को ऑपरेट कर मेस डाल कर रिपेयर क़िया. इसी टीम के सहयोग से एक ही बेहोशी में यह पूरी प्रकिया की गई. सभी विभागों के विशेषज्ञ के मौजूद रहने के कारण यह संभव हो पाया,तथा मरीज़ को जल्द राहत और कम खर्च में अस्पताल से छुट्टी दे पाना संभव हो पाया.
पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया की पारस एचईसी अस्पताल में मरीजों का विशेष ख्याल रखा जाता है. मरीज़ों की स्थिति के अनुसार हमारी टीम उनकी सेवा में सदैव तत्पर रहती है. हमें गर्व है कि हमारे पास बेस्ट डॉक्टर्स और चिकित्सा सुविधा हैं जो की मरीज और बीमारी के देख कर जरुरत के अनुसार अपना सामन्जस्य बना का मरीज को ठीक करने में सहयोग करते हैं.
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