सरकार के फैसले की आलोचना
राज्य सचिव एम जेड खान ने कहा कि केंद्र सरकार ने 25 मार्च को संसद में विपक्षी दलों के विरोध के पश्चात फाइनेंस बिल के माध्यम से 1972/2021 के पेंशन अधिनियम में संशोधन पारित कर 31.12.2025 तक रिटायर होने वाले केंद्रीय कर्मियों को 8वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित कर दिया गया है.पेंशनर्स के साथ भेदभाव का आरोप
केंद्र सरकार पर पेंशनर्स के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया. सरकार पेंशनर्स को जनवरी 2026 से पहले और जनवरी 2026 के बाद खाने में वर्गीकृत कर संशोधित पेंशन अधिनियम के तहत वेतन आयोग के लाभ से वंचित कर देना चाहती है.सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला
सुप्रीम कोर्ट ने सिविल अपील संख्या 10857/2016 में अपने फैसले में स्पष्ट रूप से निर्णय दिया कि संशोधित पेंशन निर्धारण के उद्देश्य से पेंशनभोगियों को दो श्रेणियां बनाने का कोई वैध औचित्य नहीं है. आज के धरना सभा को के डी राय, साधन कुमार सिंहा, जय नारायण प्रसाद, रमेश सिंह, गणेश डे, रंग नाथ पांडेय आदि ने संबोधित किया। धरना - प्रदर्शन में मुख्य रूप से त्रिलोकीनाथ साहू, रमेश दुबे, सुखदेव राम, बी बारा, हसीना तिग्गा, अमिता मिंज, भवन बारला, राजेंद्र महतो, मन रखन महतो, बी एन मिश्रा, देव चरण महतो, जयराम प्रसाद, विल्सन आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें – पश्चिम">https://lagatar.in/west-bengal-supreme-court-confirms-calcutta-high-courts-decision-25753-teachers-appointments-cancelled/">पश्चिमबंगाल : सुप्रीम कोर्ट की कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर, 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द, वेतन लौटाना होगा
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