Ranchi: रांची के प्रधान आयकर आयुक्त डॉ प्रभाकांत को बेहतर कुशल प्रबंधन और आयकर विभाग में मेधावी सेवा के लिए के लिए सीबीडीटी प्रमाण से नवाजा गया. बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण डॉ प्रभाकांत को यह प्रमाण पत्र सौंपा. डॉ प्रभाकांत को यह प्रमाण पत्र 33 साल से अधिक बेहतर कुशल प्रबंधन और मेधावी सेवा के लिए दिया गया. बताते चलें कि इस प्रमाण पत्र के लिए आयकर विभाग के 50,000 से अधिक कर्मियों में से कुल 22 अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कार के लिए चुना गया था. प्रधान आयकर आयुक्त डॉ प्रभाकांत ने अपने कॅरियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. इसी के एवज में उन्हें यह सम्मान मिला है. उन्होंने टैक्स चोरी से निपटने में एक बेंचमार्क भी स्थापित किया.
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टैक्स कलेक्शन में दिया अपनी दक्षता का परिचय
डॉ प्रभाकांत ने अपनी रणनीतिक पहल से लगातार उच्च राजस्व हासिल किया. बुनियादी ढांचे में सुधार और कठोर मूल्यांकन कर टैक्स कलेक्शन में अपनी दक्षता का परिचय दिया. टीडीएस कार्यों के कम्प्यूटरीकरण का नेतृत्व किया. मैनुअल प्रक्रिया को एक मजबूत ई-फाइलिंग प्रणाली में बदला. कटौती सत्यापन को सुव्यवस्थित किया और कुशल कर प्रशासन की नींव रखी. प्रभाकांत ने प्रवर्तन निदेशालय में संयुक्त निदेशक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फेरा व फेमा और बाद में पीएमएलए में परिवर्तन के दौरान भी उनकी भूमिका अहम रही. मधु कोड़ा प्रकरण और 2जी घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों को कानूनी रूप दिया गया. विदेशी मुद्रा प्रेषण की निगरानी को बढ़ाया और धोखाधड़ी का पता लगाया.
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