- आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब और कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने किया आयोजन
- खेलगांव में हुआ ब्लाइंड फोल्डेड रन फॉर विजन
- राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री व सांसद ने रन फॉर विजन को किया रवाना
Ranchi : 38वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा में ब्लाइंड फोल्डेड रन फॉर विजन का आयोजन आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब और कश्यप मेमोरियल आई बैंक के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. गुरुवार को खेलगांव के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में हुए इस आयोजन में मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और रांची के सांसद संजय सेठ ने रंग- बिरंगे गुब्बारों को आसमान में उड़ाकर रन फॉर विजन को रवाना किया. इस दौड़ में उर्सुलाइन कान्वेंट स्कूल एवं स्पोर्ट्स अकादमी के सैकड़ों छात्रों एवं शहर के कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया.
रन का थीम ब्लाइंड फोल्ड था
इस बार के रन का थीम ब्लाइंड फोल्ड था. इस दौड़ में भाग लेने वाले दो प्रतिभागी एक साथ दौड़ते हैं, जिसमें से एक प्रतिभागी की आंखों में ब्लाइंड फोल्ड यानी काली पट्टी लगी होती है. उसको बिना पट्टी वाला प्रतिभागी एक समान गति से ट्रैक पर सही दिशा में दौड़ने में मदद करता है. इससे आपसी सहयोग की प्रवृत्ति विकसित होती है.
नेत्रदान कर दूसरों के जीवन में रोशनी ला सकते हैं- राज्यपाल
मौके पर मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि जीते- जी तो हमलोगों को सबकी मदद करनी चाहिए, मगर नेत्रदान कर हम मरने के बाद भी किसी के अंधकारमय जीवन में रोशनी ला सकते हैं. उन्होंने कश्यप मेमोरियल और आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब द्वारा किए जा रहे नेत्र प्रत्यारोपण और नेत्रदान अभियान की प्रशंसा की.
आई बैंकों में नेटवर्किंग की जरूरत- डॉ भारती कश्यप
कश्यप मेमोरियल आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ भारती कश्यप ने कहा कि पिछले 21 वर्षों से हर वर्ष रन फॉर विजन का आयोजन हो रहा है. देश की राष्ट्रपति और तत्कालीन गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने भी लगातार 5 वर्षों तक इस कार्यक्रम में न केवल भाग लिया, बल्कि नेत्रदान का शपथ पत्र भर कर झारखंड में नेत्रदान को काफी बढ़ावा दिया. अब तक 806 नेत्र प्रत्यारोपण हो चुके हैं और वर्ष 2022 से अब तक कश्यप मेमोरियल आई बैंक द्वारा झारखंड में 159 नेत्र प्रत्यारोपण किए गए, जबकि झारखंड का लक्ष्य 2022-2023 में 150 था. हमारे पास कॉर्निया जनित दृष्टिहीनों की लंबी सूची है और स्थानीय नेत्रदान की कमी है. इसलिए आई बैंकों में नेटवर्किंग की जरूरत है, ताकि स्थानीय नेत्रदान को बढ़ावा मिल सके. इससे मरीजों को भी सहूलियत होगी और हमारे राज्य की स्थिति नेत्र प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अच्छी दिखेगी.
नेत्र बैंकों में समन्वय जरूरी- बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि बाहर से कॉर्निया मंगाने की वजह से हमारे राज्य की गिनती में वह नहीं दिखते हैं. केवल स्थानीय नेत्रदान हमारे राज्य की गिनती में दिखते हैं. इसलिए नेत्र बैंकों में समन्वय स्थापित करना जरूरी है, ताकि स्थानीय नेत्रदान उन आई बैंकों को मिले, जो बाहर से कॉर्निया मंगाते हैं. इससे राज्य में नेत्रदान की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी दिखेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि इससे नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी.
पूरे शरीर का दान करना चाहिए- संजय सेठ
संजय सेठ ने कहा कि हमें न सिर्फ नेत्र बल्कि पूरे शरीर का दान करना चाहिए. अभी कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद के एक वरिष्ठ सदस्य का निधन हुआ और उन्होंने अपना पूरा शरीर दान कर दिया.
कार्य क्षमता को बढ़ाना होगा- अरुण सिंह
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अरुण सिंह ने कहा कि सरकार के आई बैंक लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं. देर रात के आई डोनेशन कॉल में सजगता नहीं दिखा पाते हैं. राज्य में स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन आर्गेनाइजेशन की कार्य क्षमता को बढ़ाना होगा.
विजेताओं को पुरस्कृत किया गया
रन फॉर विजन और पेंटिंग कंपटीशन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. नेत्रदान जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आईएमए झारखंड, आईएमए रांची, एफजेसीसीआई, उर्सुलाइन कान्वेंट स्कूल एवं झारखंड स्पोर्ट्स विभाग के पदाधिकारियों ने नेत्रदान करनेवालों के परिजनों और डॉ निधि गडकर कश्यप को सम्मानित किया गया.
कई गणमान्य लोग मौजूद रहे
इस मौके पर आईएमए झारखंड के अध्यक्ष डॉ प्रदीप सिंह , एफजेसीसीआई के अध्यक्ष किशोर मंत्री, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, आदित्य मल्होत्रा समेत आईडेक के पदाधिकारी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ विभूति कश्यप ने किया.
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