Ranchi: कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह शुरू हो गया है. 29 अप्रैल की शाम 6 बजे तक आंशिक लॉकडाउन लगाकर कोरोना संक्रमण को कम करने की कोशिश सरकार ने की है. राजधानी रांची समेत राज्य के सभी शहरों और गांवों में लोग पूरी तरह सरकार के साथ दिख रहे हैं. पहले दिन ही आंशिक लॉकडाउन पूर्ण लॉकडाउन की तरह नजर आया. सुबह से ही सड़कें वीरान नजर आयीं. राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमण वाला क्षेत्र राजधानी रांची गुरुवार को पूरी तरह अनुशासित नजर आया. सड़क पर लोग बेवजह घूमते नहीं पाये गये. सरकार ने अपनी गाइडलाइन में जिन दुकानों को खुला रखने का निर्देश जारी किया था वो दुकानें भी बंद नजर आयीं.
अलबर्ट एक्का चौक से सुजाता चौक
मेन रोड में सुबह से शाम तक सड़क पर वीरानी नजर आयी. 90 फीसदी दुकान, होटल, रेस्टोरेंट और प्रतिष्ठान बंद रहे. डेली मार्केट भी बंद रहा. सड़क पर इक्के-दुक्के ऑटो और ई रिक्शा नजर आये. थोड़ी बहुत हलचल चर्च रोड और उर्दू लाइब्रेरी के पास नजर आई. लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए मेन रोड में पुलिस जवान भी तैनात थे. इस वजह से लोग कोविड गाइडलाइन का पालन कर रहे थे.
बूटी मोड़ से करमटोली चौक
राज्य का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज रिम्स और दूसरे कई बड़े अस्पताल इसी रोड में हैं. इसके बावजूद सड़कें वीरान दिखीं. कुछ दवा दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद थीं. सड़क किनारे फल और सब्जियां बेचने वालों की संख्या भी आम दिनों के मुकाबले 80 फीसदी कम थी. खरीदारों के नहीं पहुंचने के कारण दोपहर बाद फल और सब्जियों की दुकानें भी बंद हो गयीं.
कचहरी से लालपुर चौक
यहां सबसे ज्यादा वीरानी दिखी. कचहरी से लालपुर के बीच के सभी शॉपिंग मॉल, स्ट्रीट फूड की दुकानें, किताब दुकान, निजी कंपनियों के दफ्तर और फुटपाथ वेंडर्स की दुकानों में ताला लटका मिला. आम दिनों में इस सड़क पर स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं की काफी भीड़ होती है, लेकिन गुरुवार को स्टूडेंट्स तक सड़क पर नजर नहीं आये.
कचहरी से पिस्का मोड़
राजधानी की सबसे व्यस्त सड़क भी पूरी तरह खाली थी. कचहरी से पिस्का मोड पहुंच में आम दिनों में 15 से 20 मिनट लग जाते हैं, लेकिन गुरुवार लोगों ने यह दूरी सिर्फ 5-6 मिनट में पूरी कर ली. नागाबाबा खटाल के पास आम दिनों के मुकाबले 75 फीसदी कम ठेले और खोमचे लगे थे. रातू रोड की सभी मंदिरों के बंद होने की वजह से सड़क पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी. पेट्रोल पंप और राशन दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद थीं. पिस्का मोड़ और इंद्रपुरी के पास थोड़ी बहुत हलचल दिखी.
कांटाटोली चौक से बूटी मोड़
एनएच 33 पर बूटी मोड़ से कांटाटोली चौक तक ग्रॉसरी शॉप को छोड़कर सभी गैरजरूरी दुकानें बंद रहीं. सड़क पर इक्के दुक्के लोग ही नजर आये. कांटाटोली से खुलने वाली बसें भी कम सवारियों के साथ निकलीं. वहीं इस रूट पर प्राइवेट गाड़ियां भी आम दिनों के मुकाबले 50 फीसदी कम चलीं. बूटी मोड़, दीपाटोली और कोकर चौक के पास सब्जियों की कुछ दुकानें खुलीं, लेकिन खरीदार पहुंचे ही नहीं.
बेवजह घूमने वालों से सख्ती, जुर्माना भी वसूला गया
हालांकि कुछ लोग अभी भी कोविड गाइडलाइन का पालन कर बेवजह सड़क पर तफरी करने निकल रहे हैं. ऐसे लोगों से निपटने के जिला पुलिस भी पूरी तरह तैयार है. 93 जगहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. सड़कों पर बिना काम के घूमते पकड़े जाने पर 500 रुपये जुर्माना वसूला जा रहा है, जबकि बिना मास्क के पकड़े जाने पर 500 रुपये जुर्माना वसूला जा रहा है. लोगों को पुलिस को कहीं भी आने-जाने का कारण बताना पड़ रहा है. बेवजह घूमने वालों को पुलिस पिछले बार की तरह दंडित भी कर रही है. कई जगहों पर ऐसे लोगों से उठक-बैठक भी कराई गई. पुलिस की सख्ती की वजह से बेवजह घूमने वाले लोग अब घरों में कैद हो गये हैं.