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जयनगर एक्सप्रेस को किसी भी हाल में राउरकेला नहीं जाने देंगे रांची के रेलयात्री

Ranchi: रांची जयनगर एक्सप्रेस को हटिया के बदले राउरकेला से चलाने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा. रांची के यात्री किसी भी सूरत में ट्रेन को राउरकेला नहीं जाने देंगे. यह मामला अब एक बड़े आंदोलन की ओर बढ़ता दिख रहा है. जरूरत पड़ने पर रेलयात्री आंदोलन करने को तैयार हैं. रविवार को मिथिला मंच के एक कार्यक्रम में जुटे. रांची जयनगर के यात्रियों से बात करने पर सबने एक स्वर में इसे राउरकेला भेजने का विरोध किया. यात्रियों ने कहा कि रांची रेल मंडल के अंदर रांची जयनगर ही एक ऐसी ट्रेन है, जिसे आंदोलन के सहारे लिया गया है.

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एक्सप्रेस के राउरकेला तक बढ़ाये जाने का विरोध, यात्रियों ने बताया रेलवे की साजिश

रेलवे ने इस ट्रेन को सौगात के तौर पर नहीं दिया. बल्कि वर्षों पुरानी मांग और आंदोलनों के चलते रेलवे ने यह ट्रेन हमें दिया. इसमें झारखंड सरकार की भी प्रमुख भूमिका रही. इस ट्रेन ने हमें आंदोलन के बारे में सिखाया. अब रेलवे इस ट्रेन के अस्तित्व पर ही चोट करने जा रही है. ऐसी स्थिति में इसकी रक्षा के लिए मिथिलांचल के रेलयात्री आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं. यात्रियों ने कहा की यातायात के मामले में मिथिलांचल आज भी पिछड़ा है. ऐसी स्थिति में रेलवे ही एकमात्र यातायात का सबसे सशक्त साधन है. पिछले दो सालों के दरमियान रेलवे इस ट्रेन के वाणिज्य व्यवसाय को आजमा चुकी है. रेलवे मुख्यालय में बैठी उड़ीसा के एक अधिकारी के इशारे पर इस ट्रेन को राउरकेला से चलाया जा रहा है. लेकिन रेलवे के लिए यह लाभदायक सिद्ध नहीं होगा. इसे भी पढ़ें- 

रेलवे के निर्णय पर बरसे यात्री

रांची जयनगर को राउरकेला नहीं जाने देंगे इसके लिए जरूरत हुई तो आंदोलन भी करेंगे. इसी राउरकिला जाने से रांची के यात्रियों  की बुकिंग नहीं होगी. बस वालों की मनमानी बढ़ेगी. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/विद्यानंद.jpg"

alt="" width="721" height="1280" /> विद्यानंद ठाकुर,रांची संघर्ष करने के बाद ही रांची जयनगर को 2011 में रेलवे ने चलाया. अब फिर से राउरकेला भेज रही है. इसमें एक बड़े रेल अधिकारी का हाथ है. हम लोग नहीं जाने देंगे. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/प्रदीप-चौधरी.jpg"

alt="" width="721" height="1280" /> प्रदीप चौधरी,रांची रेलवे कहती है की राउरकेला तक विस्तारित करने पर ट्रेन में बोगी भी बढ़ायी जाएगी. लेकिन और त्योहारों के दौरान यह तरकीब भी काम नहीं आती. भीड़ के अनुपात में बोगी कम साबित होती है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/सुरेश-मलिक.jpg"

alt="" width="721" height="1280" /> सुरेश कुमार मल्लिक,रांची ट्रेन को राउरकेला जाने से बचाने के लिए समाज को फिर से एकजुट होना होगा. मिथिलांचल के सारे संगठनों को एक होकर इस लड़ाई को लड़ना होगा. पंकज चौधरी, रांची झारखंड के बड़े राजनेताओं को भी इस मामले से  अवगत कराना चाहिए. क्योंकि आजकल ऐसे सभी मामले राजनीति से ही जुड़े होते हैं. तभी समाधान संभव है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/राकेश-169x300.jpg"

alt="" width="169" height="300" /> राकेश कुमार दास,रांची
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