Ranchi : राजधानी रांची के सदर अस्पताल ने चिकित्सा क्षेत्र में इतिहास रच दिया है. यहां पहली बार अत्यंत जटिल ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी (क्रानिओसेर्विकल जंक्शन सर्जरी) सफलतापूर्वक की गई. इस सर्जरी में मरीज के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जोड़ पर पड़े दबाव को हटाने के लिए फोरामेन मैग्नम डिकम्प्रेशन प्रक्रिया की गई.

इस सर्जरी का नेतृत्व वरीय न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने किया. मरीज पिछले कई महीनों से गंभीर सिरदर्द, चक्कर, गर्दन में जकड़न और हाथ-पैरों में कमजोरी से जूझ रहा था. वह कई निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गया, लेकिन सभी ने ऑपरेशन को जोखिमभरा और महंगा बताते हुए मना कर दिया.
अंततः वह रांची सदर अस्पताल पहुंचा, जहां डॉ. विकास कुमार ने जांच कर सर्जरी का निर्णय लिया. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है तथा चल-फिर पा रहा है.
सिविल सर्जन रांची, डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि रांची सदर अस्पताल के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगी. उन्होंने कहा कि अब सदर अस्पताल केवल सामान्य इलाज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यहां उच्चस्तरीय न्यूरोसर्जरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. विमलेश सिंह ने कहा कि यह सर्जरी सिर्फ चिकित्सा सफलता नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है कि सरकारी अस्पतालों में भी विश्वस्तरीय सर्जरी संभव है. उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर जनता का विश्वास और मजबूत किया है.
सर्जरी करने वाले न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि ब्रेन और स्पाइन का जोड़ शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा होता है.
उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट की दूरदर्शी सोच से ही यह जटिल सर्जरी संभव हो सकी. टीम में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. नीरज और ओटी टेक्नीशियन वसीम, संजू, अमन, अमित, कुंदन व समीर शामिल थे.
डॉ. विकास ने कहा कि हमारा लक्ष्य रांची सदर अस्पताल को झारखंड का प्रमुख न्यूरोसर्जरी सेंटर बनाना है ताकि राज्य के लोगों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े.

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