Ranchi: प्रक्रति पर्व सरहुल शोभायात्रा पर केंद्रीय सरना स्थल में काला पट्टा दिखाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश ने आदिवासी समाज को झकझोर कर रख दिया है. शनिवार को इस घटना के विरोध में सरना धर्मावलंबियों ने सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल पर शुद्धिकरण पूजा का आयोजन किया. मुख्य पाहन रोहित हंस की अगुवाई में सरना धर्मावलंबी शुद्धीकरण पूजा में शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने एकजुट होकर समाज को बांटने की साजिशों का विरोध किया और एक स्वर में कहा गया कि सरना आस्था के केंद्र में इस तरह की नकारात्मक राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस अवसर परकेंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि रैंप से जुड़ी समस्याओं का समाधान संवाद और सही योजना से ही संभव है. उन्होंने चेताया कि इस मुद्दे पर अवसरवादी राजनीति से बचना चाहिए. सरना समाज से प्रकाश हंस ने कहा कि समाज को कलंकित करने का काम किया गया. सरहुल की शोभा यात्रा की पवित्रता पर आंच आई है. वहीं विजय कच्छप ने कहा, यह स्थल आदिवासियों कि आस्था का केंद्र बिंदु है. प्रक्रति पर्व सरहुल के मौके पर काला पट्टा दिखाना गीताश्री उरांव की मानसिक दिवालियापन की निशानी है. सरना धर्मावलंबी निमा तिर्की ने आरोप लगाया कि रैंप विवाद में अजय तिर्की को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. कुछ लोग सरना भवन पर कब्जे की मंशा से इसे मुद्दे बनाकर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भाजपा नेत्री आरती कुजूर, पिंकी खोया, गंगोत्री कुजूर और रवि मुंडा जैसे चेहरों की मौजूदगी इस पूरे विवाद को राजनीति से जोड़ती है.
शुद्धिकरण के माध्यम से दिया एकता का संदेश
शुद्धीकरण के जरिए सरना प्रार्थना से जुड़े सरना धर्मावलंबी ने स्पष्ट कर दिया कि उनके धार्मिक स्थलों की पवित्रता से खिलवाड़ नहीं सहेगा. इसके साथ ही यह भी संदेश दिया गया कि समाज संवाद, सहयोग और एकता के मार्ग से ही अपने मुद्दों का समाधान हो सकता है. इस अवसर पर संतोष तिर्की, नवनीत उरांव, रूपचंद केवट समेत दर्जनों सरना धर्मावलंबी शामिल थे.
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