Ranchi: सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा है कि महिलाओं के लिए संविधान में कई अधिकार दिए गए हैं. सरकार की कई स्कीम भी उनके लिए चलती है. लेकिन महिलाओं को आज भी पूरा अधिकार नहीं मिलता है. महिलाओं को संपत्ति में हिस्सेदारी काफी कम मिलती है. उन्हें कानून और अधिकारों की जानकारी देनी होगी. बीवी नागरत्ना शनिवार को रांची के धुर्वा स्थित न्यायिक अकादमी में सेमिनार को संबोधित करती हुईं ये बातें कही. उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं को संपत्ति में अधिकार नहीं मिलेगा वह आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होंगी.
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महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम
कार्यक्रम में मौजूद झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं. झालसा महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम भी चला रहा है. आत्मनिर्भर स्कीम के तहत महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है और जरूरतमंद महिलाओं का पुनर्वास किया जा रहा है. प्रोजेक्ट शिशु में 1600 बच्चों का पुनर्वास किया गया. महिलाओं को संविधान में संपत्ति में बराबरी का अधिकार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेश भी जारी किए हैं. जररूत है योजनाओं को सही तरकी से लागू करने की.
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ये रहे मौजूद
महिलाओं की सम्पति का अधिकार विषय पर आयोजित सेमिनार में झारखंड हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश, पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, वकील, महाधिवक्ता और कई गणमान्य लोग शामिल हुए. स्वागत भाषण जस्टिस एस चंद्रशेखर ने दिया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जस्टिस केपी देव ने किया.