Ranchi: तीन पीढ़ी से ईसाई धर्म मानने वाले सात आदिवासी परिवारों ने सरना धर्म में वापसी की है. राजी पड़हा प्रार्थना सभा की अगुवाई में सभी लोग सरना धर्म में वापस लौटे हैं. विश्वनाथ पाहन की अगुवाई मे सभी लोगों को पवित्र जल से अनुष्ठान कराया गया. उन्हें सरना स्थल में पारंपरिक विधि विधान से पूजा कराया गया. वीर बुधु भगत सभागर अरगोड़ा में सभी लोगों को सम्मानित किए गए. सरना वस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर सभी लोगों का स्वागत किए गए.
इस दौरान सरना धर्म में वापस लौटे लोगों ने कहा कि तीन पीढ़ी से ईसाई धर्म में मानते आ रहे थे. लेकिन सरना मां औऱ पूर्वजों की याद आई है. बिना किसी के दबाव के कारण स्वंय घर वापस लौटे है. अब आदिवासी समाज तेजी से शिक्षित हो रहे हैं. पढ़ लिख रहे हैं. एकजुटता का परिचय दे रहे हैं. एक दूसरे का मदद भी हो रहा है. सुख दुख में भी हमेशा सहयोग मिल रहा है. मिलजुल कर सभी पर्व त्योहार को मना रहे हैं. महिला पुरूष को बरबारी का हक मिल रहा है. कहा किसरना धर्म प्रकृति है. सरना मां में असीम शक्ति है. इसमें विश्वास औऱ आस्था ने आकर्षित किए.
इन परिवारों ने स्वीकार किया सरना धर्म
फोलोरा केरकेट्टा, रोहित केरकेट्टा, रेशमा केरकेट्टा, आरनेस केरकेट्टा, आभा केरकेट्टा, रोशन केरकेट्टा और अनुपा केरकेट्टा शामिल है. इसमें गैना कच्छप, जलेश्वर उरांव, अमित गाड़ी, सुनिता कच्छप, गीता गाड़ी, गंदुरा उरांव, सुभानी तिग्गा, कमला लकड़ा, सीता खलखो समत अन्य लोगों का योगदान रहा.
इसे भी पढ़ें – मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा, मतदाता फोटो पहचान पत्र की नकल हो रही है, चुनाव आयोग जवाब नहीं दे रहा….
हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
Twitter (X): https://x.com/lagatarIN
Google news: https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMPXuoAswjfm4Aw?ceid=IN:en&oc=3