Ranchi : झारखंड पुलिस में 07 नये प्रशिक्षित श्वानों (विस्फोटक -06, ट्रैकर -01) को शामिल किया गया है. सभी श्वानों को मेरठ कैंट से खरीदा गया है. इसे लेकर सोमवार को पुलिस मुख्यालय में नये श्वानों के निरीक्षण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित हुआ. डीजीपी अजय कुमार सिंह, एडीजी अभिया संजय आनन्दराव लटकर, सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज, स्पेशल ब्रांच के डीईआरजी कार्तिक एस समेत कई अन्य पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित हुए.
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मजबूत सूंघने की शक्ति के कारण प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है
श्वानों को उनकी मजबूत सूंघने की शक्ति के कारण प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें नाक के म्यूकोसा में 225 मिलियन रिसेप्टर कोशिकाएं होती है. जो श्वानों की सूंघने की क्षमता को इंसानों से 40-45 गुणा बेहतर बनाती हैं. श्वानों की सूंघने की क्षमता के अलावा, सुनने की क्षमता (इंसानों से 4 गुना बेहतर), दृष्टि (चलती वस्तुओं को हमसे बेहतर तरीके से पहचान सकती है) और छठी इंद्री (कम आवृत्ति चेतावनी कंपन का पता लगा सकती है) श्वानों को प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण बनाती है. श्वान को ग्राउंड सर्च, वाहन सर्च, बिल्डिंग सर्च, मानव शरीर की खोज और सामान की खोज में शामिल किया जाता है.
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