Ranchi : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के प्राणीशास्त्र विभाग के स्नातक द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने आज तसर अनुसंधान संस्थान, रांची का शैक्षिक भ्रमण किया. इस ज्ञानयात्रा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को रेशम कीट पालन (Sericulture) तथा तसर उद्योग से जुड़ी वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक जानकारियों से परिचित कराना था.
इस भ्रमण का नेतृत्व विभाग के प्राध्यापक डॉ गणेश चंद्र बास्के और मार्गरेट कुजूर ने किया. तसर अनुसंधान संस्थान के डॉ विशाल मित्तल एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रशिक्षकों ने विद्यार्थियों को तसर कीट के जीवन चक्र, पालन तकनीक, अंडों की देखभाल तथा कोकून से रेशम निकालने की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
विद्यार्थियों ने संस्थान की प्रयोगशालाओं और रेशम उत्पादन इकाइयों का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने तसर कीटों के पालन और रेशम उत्पादन से जुड़ी वैज्ञानिक विधियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया. विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि तसर रेशम प्राकृतिक वनस्पतियों पर पाले जाने वाले कीटों से प्राप्त होता है, जो झारखंड की जैव विविधता का अभिन्न हिस्सा है.
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह शैक्षिक भ्रमण अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक रहा. इस यात्रा ने न केवल उनके विषयगत ज्ञान में वृद्धि की, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय जैव संसाधनों के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान किया.

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