रांची में प्रतिमा लगाने की मांग
26 जुलाई साल 1999 में भारत-पाकिस्तान बीच छिड़े कारगिल युद्ध के समय भारत माता के लिए सैकड़ों जाबांजो ने भारत माता की झंडे को बुलंद रखने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी. इस युद्ध में राजधानी रांची के पिठोरिया निवासी नागेश्वर महतो की भी शहादत हुई थी. जब शहीद नागेश्वर महतो का पार्थिव शरीर रांची लाया गया था, तब भारत माता की जयकार से पूरी रांची गूंज उठी थी. हर कोई नम आँखों से उनको सलामी दे रहे थे. आज उनके बलिदान के 23 साल बीत गए लेकिन किसी चौक चौराहे में एक आदमकद प्रतिमा नहीं लगी है, जिसकी हमेशा से मांग होती रही है. इसे भी पढ़ें-रांची:">https://lagatar.in/ranchi-bar-council-submitted-memorandum-to-chief-secretary-will-also-meet-governor-chief-minister/">रांची:बार काउंसिल ने मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन, राज्यपाल-मुख्यमंत्री से भी करेंगे मुलाकात
alt="" width="600" height="350" />
1961में शहीद नागेश्वर महतो का हुआ था जन्म
शहीद नागेश्वर महतो का रांची के पिठोरिया में आज भी वो मकान है जहां उनके पिता ने अपने जीवन की शुरुआत की. इस मकान में अक्सर नागेश्वर महतो आते और गांव में अपने बचपन के दोस्तों से मुलाकात करते. शहीद नागेश्वर महतो का जन्म कांके स्थित इंडियन वाटर लाइन में साल 1961 में हुआ था. इनके पिता स्वर्गीय भुनेश्वर महतो एवं माता श्रीमती बुधनी देवी थे. परिवार में 5 भाई और एक बहन थी. भाइयों में यह चौथे स्थान पर थे. शहीद नागेश्वर महतो का पालन पोषण वाटर लाइन के क्वार्टर में ही हुआ.साल 1980 में हुई थी सेना में बहाली
नागेश्वर महतो बचपन से ही चंचल स्वभाव के रहे. उनकी सेना में बहाली 29 अक्टूबर 1980 में हुई. सैन्य जीवन में उनको कई मेडल मिले. साल 1999 में जब कारगिल में भारत और पाकिस्तान की जंग छिड़ी. नायब सूबेदार नागेश्वर महतो की ड्यूटी टेक्निकल स्टाफ के तौर पर लगाई गई थी. उन्हें कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले बोफोर्स तोप की जिम्मेदारी दी गई थी. बोफोर्स तोप लगातार आग उगल रहे थे, इस तोप के सामने दुश्मनों के छक्के छूट गए थे. लगातार गोलीबारी के बीच तोप की गड़बड़ियों को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी नायब सूबेदार नागेश्वर महतो के कंधे पर थी. नायब सूबेदार नागेश्वर महतो को कारगिल युद्ध के बीच 1 घंटे का विराम मिला था. उस वक्त सूबेदार नागेश्वर महतो अपनी तोप को ठीक कर रहे थे. इसे भी पढ़ें-अब">https://lagatar.in/now-the-campaign-is-being-run-on-jmms-social-media-hemant-hai-to-dare-hai/">अबझामुमो के सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा कैम्पेन, ‘हेमंत है तो हिम्मत है’
alt="" width="626" height="417" />
Leave a Comment