एक-दूसरे का सम्मान करेंगे
मध्यस्थता के दौरान यह तय हुआ कि पति अपनी पत्नी को भाड़े के मकान में रखेंगे और वह अपनी पत्नी की सारी जरूरतों को पूरा करेगा. इसके साथ ही अपनी पत्नी को प्रत्येक माह होनेवाले व्यक्तिगत खर्चों का वहन भी करेगा. दोनों पक्ष समय-समय पर मायका एवं ससुराल जायेंगे और एक-दूसरे का सम्मान करेंगे. डालसा सचिव राकेश रंजन ने दोनों पक्षों को भविष्य में वाद-विवाद न करने की सलाह दी एवं उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की रजामंदी से ही परिवार खुशहाल होता है, जिससे बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल होता है. पति- पत्नी के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने में विशेषज्ञ मध्यस्थ निर्मल रंजन व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं देवेंद्र कुमार राम एवं प्रशांत मुंडा का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इसे भी पढ़ें – ED">https://lagatar.in/eds-action-is-rhetoric-the-political-definition-bjp-has-been-coined-is-not-correct-hemant-soren/">EDकी कार्रवाई गीदड़भभकी, जो राजनीतिक परिभाषा बीजेपी गढ़ रही, वह सही नहीं : हेमंत सोरेन [wpse_comments_template]
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