Ranchi : मोरहाबादी स्थित पद्मश्री रामदयाल मुंडा ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीआरआई) हॉल में चौथा जयपाल-जुलियस-हन्ना साहित्य पुरस्कार समारोह और बहुभाषाई आदिवासी-देशज काव्यपाठ आयोजित किए जाएंगे.
9 नवंबर को प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन द्वारा आयोजित होगा. राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह का उद्घाटन दिल्ली विश्वविद्यालय की वरिष्ठ हिंदी प्राध्यापक और किन्नौरी आदिवासी साहित्यकार डॉ स्नेहलता नेगी करेंगी.
तीन लेखक होंगे पुरस्कृत
जयपाल-जुलियस-हन्ना साहित्य पुरस्कार से तीन लेखकों को सम्मानित किया जाएगा. पहले सत्र में आदिवासी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पुरस्कृत होंगे. जिसमें सोनी रूमछु (अरुणाचल प्रदेश, नोक्ते समुदाय)- ‘वह केवल पेड़ नहीं था’ (कविता संग्रह), काशाराय कुदादा (झारखंड, हो समुदाय)- ‘दुपुब दिषुम’ (वारंगक्षिति लिपि में निबंध संग्रह), मनोज मुर्मू (झारखंड, संताली समुदाय)- ‘मानवा जियोन’ (कविता संग्रह).
13 भाषाओं के कवि अपनी भाषाओं में करेंगे कविता पाठ
जयपाल-जुलियस-हन्ना साहित्य पुरस्कार के दूसरे सत्र भी आयोजित होगी. जिसमें झारखंड के 13 भाषाओं के कवि शामिल होंगे. जिनमें बिरजिया, असुर, मुंडारी, माल पहाड़िया, भूमिज,संताली, हो, खड़िया, कुड़ुख, नागपुरी-सादरी, पंचपरगनिया, कुड़मालि और खोरठा भाषाओं के कवि अपनी कविताओं का पाठ करेंगे.
आदिवासी साहित्य और रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू हुए कार्यक्रम
जयपाल सिंह मुंडा, जुलियुस तिग्गा और हन्ना बोदरा के नाम पर 2022 में प्रारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य आदिवासी साहित्य और रचनाकारों को प्रोत्साहित करना है. यह आयोजन झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा और टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है. झारखंडी अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने बताया कि यह मंच आदिवासी लेखन को राष्ट्रीय साहित्यिक विमर्श के केंद्र में लाने का सतत प्रयास कर रहा है.

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