मोरहाबादी मैदान में पहली बार टुसू महोत्सव का आयोजन
Ranchi : रांची के मोरहाबादी मैदान में पहली बार सोमवार को टुसू महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महोत्सव में रांची, खूंटी, तमाड़, बुंडू, सिल्ली, ओरमांझी व ईचागढ़ की दर्जनों खोड़हा टीमें शामिल हुईं. सभी टुसू प्रतिमाओं व चौड़ल के साथ पहुंची थीं. कुड़माली भाषा परिवार की ओर से आयोजित महोत्सव में सबसे पहले आदिवासी किसान चौड़ल समिति के कलाकार शिवनाथ पुरान औऱ मदन मोहन ने 30 फीट ऊंचा चौड़ल, जबकि सरना समिति कुजियामबा खूंटी के कलाकार प्रदीप पुरान 25 फीट, तमाड़ के कलाकार हेमराज 20 फीट ऊंची चौड़ल लेकर लेकर पहुंचे थे. मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने अपने संबोधन में कहा कि टुसू पर्व पहले गांवों में मनाया जाता था, अब शहर में भी धूमधाम से मनाने लगा है. यह पर्व झारखंडी संस्कृति, एकता और भाईचारा का प्रतीक है.इसके माध्यम से झारखंड के संस्कृति जीवंत होती है.
कुड़मालि भाषा परिवार के अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो ने कहा कि टुसू महोत्सव एकता और बलिदान का प्रतिक है.इस पर्व को पूरे राज्य में हर्षोउल्लास से मनाते हैं.
सामलौग महिला समिति ने लगाया पीठा का स्टॉल
महोत्सव में सामलौंग महिला समिति ने पारंपरिक पीठा का स्टॉल लगाया गया. इसमें जयंती कुमारी, पार्वती महतो,सुनीता महतो,रेखा महतो,नीलू महतो,सीता,रीता और रंभा महतो शामिल थीं. उन्होंने बताया कि घर से बनाकर पीठा लाउ थे.इसे प्रसाद के रूप में लोगों के बीच वितरण किया गया.
टुसू प्रतिमा लेकर पहुंचे छात्र
टुसू महोत्सव में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, रांची विश्वविद्यालय व वीमेंस कॉलेज के कुड़माली भाषा विभाग के छात्रों ने भी भाग लिया. वे अपने साथ लकड़ी, बांस, कांटी, फूल, प्लास्टिक से बनी टुसु प्रतिमा लेकर पहुंचे थे. लोगों को उनके द्वारा बनाई चमचमाती टुसू अपनी ओर आकर्षित कर रही थी.
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