alt="" width="600" height="400" /> इसे भी पढ़ें - धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-high-powered-committee-of-railway-listened-to-the-complaints-of-the-examinees/">धनबाद
: रेलवे की उच्चाधिकार समिति ने परीक्षार्थियों की शिकायतें सुनी
alt="" width="600" height="400" />
लगातार आ रही प्रताड़ना की शिकायत
किसी भी तरह का अपराध करने पर अलग-अलग सजा का प्रावधान है. हर उम्र के अपराधियों को अलग-अलग सजा दी जाती है. 18 साल से कम उम्र का कोई नाबालिग किसी अपराध में पकड़ा जाता है, या फिर किसी कांड में उसकी संलिप्तता पायी जाती है. तो उसे सजा के एवज सुधरने का मौका दिया जाता है. इसके लिए बाल सुधार गृह भी बनाया गया है. जहां 18 साल से कम उम्र वाले अपराध में शामिल बच्चों को रखकर सुधारा जाता है. लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि वर्षों यहां रहने के बाद भी बाल कैदियों में कोई सुधार नहीं आ रहा है. पहले से सुधार केंद्र में बंद और ज्यादा उद्दंड होते जा रहे हैं. वहीं बाल सुधार गृह भेजे गए नए बाल कैदी भी उनकी संगत में पड़कर बिगड़ रहे हैं. जो पुराने कैदियों की बात नहीं मानते या उनसे बदतमीजी करते हैं. उनके साथ मारपीट भी की जाती है. इन बाल सुधार गृह की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जो पहले से यहां बंद है या जिन बाल कैदियों की उम्र 18 साल या इससे ज्यादा हो चुकी है वे भी यहां रह रहे हैं. बाल सुधार गृह के इंचार्ज से लेकर कर्मचारी तक सभी इन बाल कैदियों से परेशान हैं. हाल ही में एक के बाद एक कई ऐसे मामले सामने आये जिसमें नए बाल कैदियों के साथ मारपीट करना, उनके अभिभावक से पैसे और दारू की मांग करना समेत दूसरी कई वारदातें हुई हैं. इसे भी पढ़ें - कभी">https://lagatar.in/once-the-bastion-of-naxalites-was-called-peg-now-the-organization-has-become-weak/">कभीनक्सलियों का गढ़ कहा जाता था खूंटी, अब संगठन हो गया है कमजोर [wpse_comments_template]

Leave a Comment