में दिन दहाड़े तीन लाख की लूट, बाइक सवार बदमाशों ने वारदात को दिया अंजाम
महिलाओं ने आर्थिक स्थिति का दिया हवाला
जानकारी देते हुए बताया गया कि राज्य के स्कूलों के रसोईया, संयोजिकाओं, अध्यक्षों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. इस आंदोलन में वैसे लोग शामिल हो रहे हैं जो रोजाना 42 रुपये पर काम करने वाले स्कूलों के रसोईया हैं. या 17 वर्षों से फ्री में काम कर रहीं संयोजिका और अध्यक्ष हैं. इस आंदोलन में शामिल होने के लिए कई लोगों ने अपने घर का चावल और अन्य जरुरी सामान बेच दिया है. सरकार के लिए यह काफी शर्म की बात होनी चाहिए. इसे भी देखें-

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