alt="VsdV" width="600" height="400" /> वहीं दूसरी तरफ स्वामी विवेकानंद स्मृति पार्क की स्थिती तो और भी बदतर है. मुख्य द्वार पर लोग पेशाब करते हैं. वहां का तालाब कचरों से भरा हुआ है. अब वहां जुआ खेलने वाले और नशा करने वालों ने अपना अड्डे जमा रखा है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, इन पार्कों की साफ-सफाई, रखरखाव और सुरक्षा पर वर्षों से कोई ध्यान नहीं दिया गया है. खुलेआम शराब पीना और ताश की बाजियां अब आम बात हो गई है. एक समय पर यह दोनों पार्क स्थानीय निवासियों के लिए सैर, व्यायाम और पारिवारिक समय बिताने का पसंदीदा स्थान थे, लेकिन अब यह नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा बन चुके हैं. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पार्कों की देखरेख पिछले कई वर्षों से नहीं हुई है. टूटे झूले, गंदगी से भरे मैदान और टूटी-फूटी बेंच अब आम दृश्य बन चुके हैं. इसे भी पढ़ें -BREAKING">https://lagatar.in/breaking-foreign-ministry-said-ceasefire-between-india-and-pakistan/">BREAKING
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