Colombo : रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नये राष्ट्रपति चुन लिये गये हैं. विक्रमसिंघे श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम कर रहे थे. आज की वोटिंग में सांसदों ने रानिल को अपना नया राष्ट्रपति चुन लिया. खबर है कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए श्रीलंकाई संसद में आज सभी सांसद मौजूद थे. संसद में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भी उपस्थित थे.जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव को लेकर श्रीलंकाई संसद के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी.
Acting President Ranil Wickremesinghe is seen voting at the Presidential Election in Parliament. #DailyMirror #SriLanka #SLnews pic.twitter.com/9Vdbhfc0ZI
— DailyMirror (@Dailymirror_SL) July 20, 2022
Acting President Ranil Wickremesinghe is seen voting at the Presidential Election in Parliament. #DailyMirror #SriLanka #SLnews pic.twitter.com/9Vdbhfc0ZI
— DailyMirror (@Dailymirror_SL) July 20, 2022
इसे भी पढ़ें : तो पाकिस्तानी मौलवियों ने रिजवान को भेजा था भारत, नुपुर शर्मा की हत्या करना चाहता था, श्रीगंगानगर पुलिस को 8 दिन की रिमांड मिली
छह महीने के भीतर चुनाव कराने की मांग
जानकारी के अनुसार श्रीलंका की संसद में हुए राष्ट्रपति चुने गये रानिल विक्रमसिंघे ने 134 वोट हासिल किये. उनके प्रतिद्वंदी दुलस अल्हाप्परुमा को 82 और अनुरा कुमार दिसानायके को महज 3 वोट मिले. श्रीलंकाई सांसद अनुरा कुमारा डिसनायके ने अंतरिम सरकार बनाने और राष्ट्रपति चुने जाने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराने की मांग की है.
बता दें कि सभी दलों ने अपने सांसदों से कहा था कि वे अपने वोट की तस्वीरें क्लिक करें. इसके बाद संसद में फोन नहीं लाने के आदेश जारी कर दिये गये थे. स्पीकर ने कहा था कि चुनाव के दौरान आज किसी भी सांसद को मोबाइल फोन सदन में लाने की इजाजत नहीं मिलेगी. सूत्रों के अनुसार पार्टी के कुछ नेताओं ने कथित तौर पर अपने सांसदों से गुप्त मतदान में क्रॉस-वोटिंग की जांच के लिए अपने मतपत्रों की तस्वीरें लेने को कहा था.
इसे भी पढ़ें : Maharashtra Crisis : SC ने शिंदे-ठाकरे गुट से हलफनामा मांगा, अगली सुनवाई 1 अगस्त को, मामला बड़ी बेंच में भेजे जाने के संकेत
44 साल में पहली बार आज सीधे राष्ट्रपति का चुनाव हुआ
श्रीलंका की संसद में 44 साल में पहली बार आज सीधे राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. राष्ट्रपति पद की दौड़ में कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा दुल्लास अलहप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके मैदान में थे. 225 सदस्यीय सदन में जादुई आंकड़ा छूने के लिए 113 का समर्थन चाहिए था. रानिल विक्रमसिंघे को इसके लिए 16 वोटों की और जरूरत थी. विक्रमसिंघे को तमिल पार्टी के 12 वोटों में से कम से कम 9 पर भरोसा था. हालांकि विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले हैं.
विक्रमसिंघे के खिलाफ प्रदर्शन जारी
एक ओर राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद में वोटिंग हो रही थी, वहीं दूसरी ओर कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ जनता का मौन विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
Leave a Reply