LagatarDesk : एयरटेल पेमेंट बैंक को आरबीआई ने शेड्यूल बैंक का दर्जा दे दिया. यह फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1954 के तहत लिया गया है. इसी के साथ एयरटेल पेमेंट्स बैंक दूसरा शेड्यूल बैंक बन गया है. अब एयरटेल पेमेंट बैंक को शेड्यूल कमर्शियल बैंक माना जायेगा.
अब सरकारी और अन्य बड़े कॉरपोरेशन में एरयरटेल ले सकेगी हिस्सा
एयरटेल को शेड्यूल बैंक का दर्जा मिलने बाद वो सरकारी और अन्य बड़े कॉरपोरेशन के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में हिस्सा ले सकेंगे. इसके अलावा प्राइमरी ऑक्शन में भी शामिल हो सकेंगे. साथ ही कंपनी फिक्स्ड रेट, वैरिएबल रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में भी भागीदार बन सकता है. सरकार की तरफ से चलायी जाने वाली फाइनेंशियल इनक्लूजन स्कीमों में एयरटेल पार्टनर बन सकता है.
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भारत में बैंकों को दो भागों में बांटा जाता
भारत में बैंकों को शेडयूल और नॉन शेड्यूल बैंक में बांटा जाता है. जिन बैंकों को आरबीआई एक्ट 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल किया गया है उनको अनुसूचित बैंक यानी शेड्यूल पेमेंट्स बैंक कहा जाता है. इसके अलावा जिन बैंकों को द्वितीय अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है उनको गैर-अनुसूचित बैंकों की श्रेणी में रखा जाता है.
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शेड्यूल पेमेंट्स बैंक आरबीआई से मिलेगी कई तरह की सुविधाएं
अनुसूचित बैंक का दर्ज पाने के लिये बैंक को अपनी आर्थिक स्थिति और ग्राहकों के साथ काम करने के तरीकों को लेकर कुछ खास शर्तों को पूरा करना पड़ता है. इस लिस्ट में शामिल बैंक आरबीआई से बैंक दर पर लोन ले सकते हैं. बैंक क्लीयरिंग हाउस की सदस्यता पा सकते हैं. इसके अलावा रकम जुटाने और बैंकिंग कार्य में उनको कई फैसिलिटी भी मिलती है.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक है पहला शेड्यूल बैंक
आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को शेड्यूल पेमेंट्स बैंक यानी अनुसूचित बैंक का दर्जा दिया था. यह फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1954 के तहत लिया गया था. जिसके बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक पहला शेड्यूल बैंक बन गया था. अब दूसरा शेड्यूल बैंक का दर्जा एयरटेल पेमेंट्स बैंक को मिला है.
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