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आरबीआई ने लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट्स में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट 4 फीसदी बरकरार

LagatarDesk : बढ़ती महंगाई के बीच आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त की पहली मॉनेटरी पॉलिसी रेट्स की घोषणा की. आरबीआई ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार 11वीं बार है जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है. हालांकि रिवर्स रेपो रेट को 40 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 3.75 फीसदी कर दिया है. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट  और बैंक रेट 4.25 फीसदी रहेगा.

जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी किया

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 202-23 के लिए महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वहीं आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया. जो पहले 7.8 फीसदी था. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए ग्रोथ रेट 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4 फीसदी रह सकती है.

दास ने कहा इकोनॉमी के सामने दोहरी चुनौती

शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट की जरुरत है. इस समय इकोनॉमी के सामने डबल चुनौती है. एक तरफ देश में महंगाई बढ़ रही है. दूसरी तरफ ग्रोथ रेट में लगातार गिरावट आ रही है. दास ने बताया कि फरवरी महीने में खुदरा महंगाई दर लगातार दूसरे महीने 6 फीसदी के पार रहा. जो चिंता का विषय है. रूस-यूक्रेन वार के कारण कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है. डॉलर के मुकाबले रुपये में भी गिरावट देखी जा रही है. अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक ने अपना अकोमोडेटिव (उदार) रुख बरकरार रखा है.  

इससे पहले फरवरी में हुई थी एमपीसी की बैठक

बता दें कि मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिवसीय बैठक 6 अप्रैल से शुरू हुई थी. जो 8 अप्रैल यानी आज तक चली. यह बैठक हर दो महीने में होती है. इससे पहले फरवरी में एमपीसी की बैठक हुई थी. फरवरी में आरबीआई ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा था. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर स्थायी थी. आरबीआई ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में कटौती की थी. तब से ये 4% के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर बनी हुई है. इसे भी पढ़े : केंद्र">https://lagatar.in/central-governments-plan-ready-it-will-not-be-easy-now-to-save-income-tax-by-telling-agriculture-as-a-profession/">केंद्र

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आम-जनता को सस्ती ईएमआई के लिए करना पड़ेगा लंबा इंतजार

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. फिर बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रेपो रेट कम होने से बैंक से मिलने वाले लोन जैसे होम लोन, कार और गोल्ड लोन सस्ते हो जाते हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेपो रेट के उल्टा होता है. रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई को लोन देते हैं. रेपो रेट में बदलाव नहीं होने के कारण अब लोगों को सस्ता लोन लेने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. इसे भी पढ़े : खूंटी">https://lagatar.in/khunti-people-angry-with-the-attitude-of-the-police-removed-the-posters-of-ram-navami/">खूंटी

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