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मोबाइल एप्स से लोन देने वालों पर आरबीआई का शिकंजा, कानून के दायरे में लाने की तैयारी

LagatarDesk : मोबाइल एप्स के जरिये लोन देने वाली कंपनियों की मुसीबतें बढ़ने वाली है. दरअसल आरबीआई इन मोबाइल एप्स पर शिकंजा कसने के लिए तैयारी है.  आरबीआई अब इन्हें कानून के दायरे में लाने पर काम कर रहा है. RBI के एक वर्किंग ग्रुप ने इन मोबाइल ऐप्स के खिलाफ कड़े नियम बनाने का प्रस्ताव दिया है.

रिपोर्ट में ग्राहकों की सुरक्षा पर दिया गया जोर

आरबीआई के वर्किंग ग्रुप ने इन एप्स के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है. वर्किंग ग्रुप ने आरबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वर्किंग ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में ग्राहकों की सुरक्षा पर जोर दिया. इस रिपोर्ट का मकसद है मोबाइल एप्स से लोन देने वाली कंपनियों को कानूनी शिकंजे में कसकर ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ाना है. इसे भी पढ़े : इलाहाबाद">https://lagatar.in/allahabad-high-court-told-modi-government-on-uniform-civil-code-consider-it-seriously-it-is-necessary/">इलाहाबाद

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स्टेकहोल्डर्स से मिलकर नोडल एजेंसी बनाने का प्रस्ताव

वर्किंग ग्रुप ने इन एप के लिए एक नोडल एजेंसी बनाने का प्रस्ताव दिया है. जो इनका वेरिफिकेशन करेगी. ग्रुप ने कहा कि इंडस्ट्री के सभी स्टेकहोल्डर्स से मिलकर एक नोडल एजेंसी बनाई जाये. इसके साथ ही एक सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन भी बनाने का सुझाव दिया गया है.  जिसमें डिजिटल लेडिंग इकोसिस्टम में मौजूद सभी कंपनियां शामिल हो. इसे भी पढ़े : 2022">https://lagatar.in/life-insurance-policy-will-be-expensive-from-2022-companies-preparing-to-increase-premium/">2022

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गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए दिया सुझाव

आरबीआई की इस ग्रुप ने इन गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए अलग से कानून बनाने का भी सुझाव दिया है. इसके अलावा कमेटी ने कुछ तकनीक से जुड़े मानक और दूसरे नियम भी तय करने का सुझाव दिया है.  जिसका पालन डिजिटल लोन सेगमेंट में उतरने वाली हर कंपनी को करना होगा. वर्किंग ग्रुप ने सभी डेटा को भारत में स्थित सर्वर में ही स्टोर करने की सिफारिश की है. इसे भी पढ़े : कृषि">https://lagatar.in/kangana-unhappy-on-the-return-of-agricultural-laws-said-the-decision-is-unfair-sad-shameful-and-utterly-wrong/">कृषि

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लोन राशि को सीधे उधारकर्ता के बैंक खाते में डाले

आपको बता दें कि 1 जनवरी से 28 फरवरी के बीच भारतीय Android  यूजर्स के लिए लगभग 1100 उधार देने वाले एप्स उपलब्ध थे. जिसमें से 600  एप्स अवैध थे. कार्य समूह ने आरबीआई को सुझाव दिया कि है कि किसी भी तरह के लोन राशि को सीधे उधारकर्ता (बॉरोवर) के बैंक खाते में डाला जाये. ना कि किसी ऐप के मोबाइल वॉलेट या दूसरे जगहों पर. साथ ही लोन पर ईएमआई को भी बैंक खाते से ही लिया जाये और इसे ऐप पर जमा करने का सिस्टम खत्म हो. इसे भी पढ़े : कृषि">https://lagatar.in/reaction-of-film-stars-on-withdrawing-agriculture-law-taapsee-sonu-and-others-appreciated-pm-modis-decision/">कृषि

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