- ब्रांबे, चूंद और टिकोटोली गांव में 24 की मौत, 200 से ज्यादा लोग अभी भी बीमार
Satya Sharan Mishra
Ranchi: कोरोना की दूसरी लहर गांवों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. गांवों में जांच, इलाज और डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं होने के कारण संक्रमण के साथ-साथ मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है. रांची के ब्रांबे में 45 दिन में 24 लोगों की मौत हुई है. ब्रांबे पंचायत के ब्रांबे, चूंद और टिकोटोली में हुई 24 मौतों में से सिर्फ 2 मौत सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना से हुई है. बाकी के 22 लोगों की कोविड जांच नहीं हुई थी, इसलिए ये मौतें सरकारी रिकॉर्ड में नहीं हैं. ब्रांबे के गिरधारी प्रसाद(51) और रायमुंदी तिग्गा (45) का कोविड टेस्ट हुआ था. इन दोनों का कोविड टेस्ट हुआ था. इलाज भी चल रहा था, लेकिन गरीबी के कारण इन्हें बेहतर चिकित्सा नहीं मिल सकी और दोनों ने दम तोड़ दिया.
किस गांव में कितने लोगों की मौत
चूंद गांव
- जयमंगल टोप्पो (36 वर्ष)
- भुखली देवी (56 वर्ष)
- सुमंती उरांव (16 वर्ष)
- सफला उरांव (37 वर्ष)
- सीता उरांव (16 वर्ष)
- विमला उरांव (80 वर्ष)
- बिरसी उराइन (75 वर्ष)
ब्रांबे गांव
- लुकस उरांव (42 वर्ष)
- बिरसा उरांव (65 वर्ष)
- तरसारिन तिग्गा (62 वर्ष)
- रायमुंदी तिग्गा (45 वर्ष)
- भूटी उरांव (63 वर्ष)
- रामवृत उरांव (22 वर्ष)
- चारू उरांव (76 वर्ष)
- मेगी तिग्गा (78 वर्ष)
- गिरिधारी प्रसाद (51 वर्ष)
- सोमवार और मंगलवार को भी दो लोगों की मौत ब्रांबे में हुई है
टिको टोली
- सोमारी मुंडा (75 वर्ष)
- भागवती देवी (60 वर्ष)
- भितोरी लाल (65 वर्ष)
- सोहराई महतो (62 वर्ष)
2 एएनएम के भरोसे 15000 की आबादी
रांची से सटे ब्रांबे की आबादी करीब 15000 है. डेढ़ महीने में जहां 24 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अब भी 200 से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. लोगों में कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण दिख रहे हैं. अधिकांश लोग सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. 10 दिन ज्यादा समय से ये लोग बीमारी से लड़ रहे हैं. लोगों को मेडिकल सुविधा के नाम पर एएनएम की सेवा मिल रही है. 2 एनएनम गांवों में जाकर लोगों को उनकी बीमारी के लक्षण के मुताबिक दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं. वहीं कई लोग स्थानीय दवा दुकानों से दवा खरीदकर बीमारी से लड़ रहे हैं.
कैंप में कोविड टेस्ट कराने नहीं आते हैं ग्रामीण
ब्रांबे के मुखिया जयवंत तिग्गा बताते हैं कि कुछ दिन पहले 60 फीसदी घरों में लोग बीमार थे. धीरे-धीरे सुधार हुआ है. पूछने पर ज्यादातर लोग खुद को टाइफाइड पीड़ित बता रहे हैं. मुखिया ने बताया कि कोविड जांच के लिए कई बार कैंप भी लगाया गया है, लेकिन गांव के लोग कोविड जांच के लिए आते ही नहीं हैं. पिछली बार जब कैंप लगा था तब सिर्फ 60 लोग आये थे, उनमें से कोई पॉजिटिव नहीं निकला था. उन्होंने बताया कि ब्रांबे में लगने वाले बाजार से संक्रमण फैल रहा है. बाजार में काफी भीड़ होती है. लोग कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं. न सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते हैं और न मास्क लगाते हैं. ऐसे में संक्रमण फैलेगा ही.