Sourabh Shukla
Ranchi : राजधानी रांची के पास ही स्थित है आरा पंचायत. यहां भी कोरोना अभी अदृश्य साये की तरह है. यहां की स्थिति काफी चिंताजनक है. पंचायत के कई घरों में लोगों को सर्दी-खांसी हो गई है. लगभग सभी घरों में शुरुआती लक्षण वाले बीमार लोग हैं. लेकिन यहां के लोग डर से अस्पताल में जांच नहीं करा रहे. ऐसा इसलिए कि कहीं जांच में कोरोना न निकल जाए. ऐसे में लोग अपने घरों में ही इलाज कर रहे हैं और कई लोगों की तबीयत बिगड़ भी रही है. पंचायत में अबतक दो लोगों की मौत भी चुकी है. मौत का कोई कारण स्पष्ट नहीं है. अगर यहां के लोगों की सही समय पर जांच नहीं की गई और इलाज नहीं कराया गया, तो यहां की स्थिति बिगड़ सकती है. इसके अलावा यहां के लोगों की एक और समस्या है, वह दवा की उपलब्धता की. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें दवा के लिए 7 से 8 किलोमीटर सफर तय करके या तो नामकुम जाना पड़ता है या फिर टाटीसिलवे. ऐसे में परेशानी और बढ़ जाती है.
आरा पंचायत की आबादी है साढ़े सात हजार
आरा पंचायत के मुखिया विजय टोप्पो कहते हैं कि हमारे गांव की आबादी करीब साढ़े सात हजार है. गांव के लोग संक्रमित हैं, लेकिन कोई बता नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि गांव में पहले स्वास्थ्य जांच शिविर लगता था, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में इलाज कराने गए लोगों की मौत होती है, तभी कोरोना संक्रमण का पता चलता है.
सोमवार को एक वृद्ध महिला की हुई मौत
आरा पंचायत के मुखिया विजय टोप्पो ने कहा कि सोमवार को आरा पंचायत की नया टोली की रहने वाली एक वृद्ध महिला आईसी टोप्पो की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि महिला स्वस्थ थी. सोमवार की शाम वह घास काटने भी गयी थी. वहां से लौटी तो उसकी मौत हो गयी.
तबीयत खराब होने पर दवा दुकान से दवा खरीद ला रहे हैं गांव के लोग
आरा पंचायत टंगरा टोली के रहने वाले बुधवा टोप्पो कहते हैं कि किसी की तबीयत खराब होने पर दवा दुकान से दवा लाकर दे रहे हैं. कोरोना महामारी को देखते हुए बाहर से मेहमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. हम सभी लोग सुरक्षा का उपाय अपनाते हुए मास्क लगाकर काम करते हैं.
हर घर के लोग हो रहे हैं बीमार
आरा पंचायत के नीचे खटाल टोली के रहने वाले विनोद कुमार कहते हैं कि शहर से हमारे गांव की दूरी महज 7 से 8 किलोमीटर है, जबकि नगर निगम क्षेत्र से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर हमारा गांव है, लेकिन अब तक सैनिटाइजेशन का काम नहीं हुआ. वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि यहां हर घर में लोग बीमार हैं. दवा दुकान से लोग दवा खरीद कर खा रहे हैं. हालत ऐसी हो चुकी है कि यहां के लोग कोरोना के साथ-साथ अब भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. यहां एक दिन कोरोना का वैक्सीनेशन हुआ और फिर बंद हो गया.
खटाल चलाकर चलती थी जीविका, दूध की खपत कम, मवेशियों का चारा खरीदना हुआ मुश्किल
नीचे खटाल टोली के रहने वाले राज कपूर ने कहा कि यहां के लोग घरों में इलाज करवा रहे हैं, तो कुछ लोग अस्पताल भी जा रहे हैं. परिवार के लोगों का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है. खटाल चलाकर जीविका चलाते हैं, लेकिन होटल बंद है तो दूध की खपत नहीं हो पा रही है. ऐसे में मवेशियों का चारा भी खरीदने में अब समस्या हो रहा है.
सरला-बिरला स्कूल के पास रहने वाले रामचंद्र यादव की हुई मौत
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि सरला बिरला स्कूल के सामने रहने वाले रामचंद्र यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई. वो खटाल चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.