अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्र सील
एसडीओ रंका और सीएस गढ़वा ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर की कार्रवाई
Garhwa : गढ़वा जिला के रंका थाना अंतर्गत चुटिया पंचायत के गोदरमाना में अवैध रूप से संचालित रवि अल्ट्रासाउंड केंद्र को गढ़वा सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह तथा रंका अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) राम नारायण सिंह ने सील कर दिया. इस दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार सिंह तथा रंका थाना पुलिस के जवान मौजूद रहे. अल्ट्रासाउंड केंद्र से पांच अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को भी जब्त किया गया है. वहीं संचालक छापेमारी के बाद से फरार है.
इस संबंध में एसडीओ राम नारायण सिंह ने बताया कि लंबे समय से अल्ट्रासाउंड अवैध रूप से संचालित करने की शिकायत मिल रही थी. इसी के आधार पर गुरुवार को छापेमारी कर अल्ट्रासाउंड केंद्र को सील कर दिया गया है. साथ ही अल्ट्रासाउंड संचालक पर स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुकूल कार्रवाई की जा रही है.
सिविल सर्जन गढ़वा ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण लुक छुप कर अल्ट्रा साउंड केंद्र का संचालन गोदरमाना में किया जा रहा था. जिसकी जानकारी मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अल्ट्रासाउंड केंद्र को सील कर दिया गया है. वहां से अल्ट्रासाउंड करने के प्रमाण भी मिले हैं. वहीं संचालक फरार है. एसआई श्रवण कुमार ने कहा कि सिविल सर्जन के द्वारा लिखित शिकायत मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
राज्यभर के सहायक अध्यापक 17 को घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास : दशरथ ठाकुर
गढ़वा जिला मुख्यालय के गोविंद स्कूल के मैदान में सहायक अध्यापकों की एक बैठक की गई. जिसमें झारखंड सरकार के द्वारा सहायक अध्यापकों के साथ वादाखिलाफी करने के विरोध में राज्यभर के सहायक अध्यापक अपनी मांगों के समर्थन में 17 जून को मुख्यमंत्री आवास का घेराव का निर्णय लिया. सामुदायिक अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव सह एकीकृत मोर्चा के राज्य कमिटी सदस्य दशरथ ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार सहायक अध्यापकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है. अब सहायक अध्यापक चुप बैठने वाले नहीं हैं. घेराव कार्यक्रम में राज्य भर के लगभग सभी 62 हजार सहायक अध्यापक शामिल होंगे. जिससे पूरी राजधानी अस्त-व्यस्त हो जाएगी. इसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी.
श्री ठाकुर ने कहा कि घेराव कार्यक्रम में गढ़वा जिला के से तीन हजार से अधिक सहायक अध्यापकों सहित पूरे राज्य के लगभग सभी 62 हजार सहायक अध्यापक शामिल होंगे. श्री ठाकुर सहित गोविन्द सिंह, प्रदीप सिंह, बिपुल दुबे, अविनाश चौधरी, राजेश विश्वकर्मा, मनोज ठाकुर, अम्मानुलह खान, मनोज सिंह, अतुल सिंह आदि ने राज्य के सभी सहायक अध्यापकों से घेराव कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है. राज्य के लगभग 62 हजार सहायक अध्यापक विगत 20 वर्षों से शिक्षण कार्य करते हुए अपने चिर प्रतिक्षित मांग वेतनमान को लेकर संघर्षरत हैं. विधानसभा चुनाव 2019 के पूर्व की चुनावी सभाओं में लगातार यह कहा गया था कि महागठबंधन की सरकार बनते ही तीन माह के अंदर राज्य के सभी सहायक अध्यापकों को वेतनमान दिया जाएगा. परंतु साढ़े तीन वर्ष बीतने के बाद भी राज्य के सहायक अध्यापकों को वेतनमान नहीं मिल सका.
क्या है इनकी मांगें
सरकार यथाशीघ्र राज्य के सभी सहायक अध्यापकों को वेतनमान देने एवं विभिन्न समस्याओं यथा ईपीएफ का लाभ देने, अनुकंपा के वर्तमान प्रावधान को शिथिल करते हुए मृत सहायक अध्यापक के परिजनों को लाभ देने, सेवानिवृत्त सहायक अध्यापकों को लाभ देने, सीटेट को जेटेट के समकक्ष मान्यता देने, अप्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए एक अवसर प्रदान करने, पूर्व की सरकार द्वारा आंदोलन के क्रम में रांची तथा राज्य के विभिन्न थानों में सहायक अध्यापक व परिजनों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने, एक जनवरी 2023 से चार प्रतिशत मानदेय वृद्धि के लाभ का एरियर भुगतान करने, सहायक अध्यापकों का विभिन्न कारणों से पूर्व के वित्तीय वर्षों का बकाया मानदेय भुगतान करने, आकलन परीक्षा का आयोजन संघीय वार्ता में तय समझौते के अनुसार तत्काल करने, सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने आदि की मांग अविलंब पूरा करे, नहीं तो आंदोलन और भी जोरदार होगा.
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