Lagatar Desk: मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले के केस में 11 जनवरी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी और BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) के पूर्व सीईओ के बीच वॉट्सऐप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी सबूत के तौर पर इस्तेमाल किये हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इस बातचीत में अर्नब गोस्वामी ने कई मौकों पर दास गुप्ता की तरफ से राजनीतिक नेतृत्व से मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया है. दोनों के बीच हुई चैट में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से लेकर सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तक का नाम लिया गया है. दोनों की चैट में AS नाम के एक शख्स का भी जिक्र है. इसके अलावा पूर्व राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का नाम भी चैट में आता है.
वाट्सऐप लीक चैट्स में क्या बात हुई?
17 अप्रैल 2017- दासगुप्ता एक मौके पर अर्नब से कहते हैं कि उनके चैनल की सफलता से जलने वाले सभी चैनल मंत्रियों के हवाले से बयान दे रहे हैं. इस पर अर्नब कहते हैं कि सभी मंत्री हमारे साथ हैं. सरकार का एक सचिव तक इंडिया टुडे, एनडीटीवी से नहीं मिलता और टाइम्स का तो सरकार ने बायकॉट किया है.
7 जुलाई 2017- जब दासगुप्ता सूचना-प्रसारण मंत्रालय की ओर से रिपब्लिक टीवी के खिलाफ की गई शिकायत पर बात करते हैं, तो अर्नब कहते हैं, “फ्री-टू-एयर डिश के बारे में राठौड़ ने मुझे बताया और वह इसे अभी किनारे रख रहे हैं.” माना जा रहा है कि इस चैट में जिस राठौड़ का नाम है, वह पूर्व सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ही हैं.
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4 अप्रैल 2019- दासगुप्ता कुछ न्यूज चैनलों की ओर से बार्क के खिलाफ ट्राई को की गई शिकायत के बारे में बात करते हैं. वे अर्नब से कहते हैं, “क्या तुम AS से ट्राई को बार्क के खिलाफ नरम रहने को कह सकते हो?” इस पर अर्नब कहते हैं कि वे मैसेज भेज सकते हैं. 6 अप्रैल के एक चैट में अर्नब गोस्वामी को बताते हैं कि उन्होंने खुद निजी तौर पर पीएमओ को बार्क के बारे में बताया है.
21 अप्रैल 2019- इसमें दासगुप्ता रिपब्लिक टीवी एडिटर से कहते हैं, “बेहतर होगा अगर AS उसे बार्क से दूर रहने के लिए कहेंगे.” माना जा रहा है कि इसमें दासगुप्ता तत्कालीन नेशनल ब्रॉकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) प्रमुख रजत शर्मा की बात कर रहे हैं. इस पर अर्नब जवाब में कहते हैं, “बार्क को सीधे तौर पर AS की नजर में नहीं लाया जा सकता. नेताओं का इस मामले में एंट्री का एक तरीका होता है.”
राज्यवर्धन राठौड़ ने अब तक मामले पर बयान नहीं दिया
कई कोशिशों के बाद भी राज्यवर्धन राठौड़ ने अब तक इस मामले पर बयान नहीं दिया है. वहीं, पीएमओ के सूचना अफसर धीरज सिंह की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बता दें कि मुंबई पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट तीन लोगों के खिलाफ दायर की है. इनमें एक नाम दासगुप्ता का भी है. इससे पहले 25 नंवबर को दायर हुई चार्जशीट में 12 लोगों के नाम थे और टीआरपी के साथ खिलवाड़ करने के लिए छह चैनलों के नाम भी शामिल किए गए थे. दासगुप्ता के अलावा रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी और बार्क के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया इस मामले में अंडर अरेस्ट हैं. दासगुप्ता की जमानत याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट में रद्द हो जाने के बाद उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
(साभार जनसत्ता)
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