Colombo : श्रीलंका में आर्थिक संकट से बिगड़ते हालात के कारण परेशान लोगों ने शनिवार को पहले राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया. फिर पीएम रानिल विक्रमसिंघे का निजी आवास में आग लगा दी. इससे पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. घटना के बाद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने सर्वदलीय बैठक बुला ली. इसमें नेताओं ने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पीएम रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की शर्त रखी. वहीं कैबिनेट मंत्री बंडुला गुणवर्धने और राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग के प्रमुख सुदेवा हेत्तियाराची ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है. इधर, जारी राजनीतिक बवाल के बीच अब सर्वदलीय सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रपति गोटाबाया पर इस्तीफा देने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
जल्द बनेगी अंतरिम सर्वदलीय सरकार
स्पीकर के घर जूम पर हुई बैठक के बाद सांसद हर्षा डी सिल्वा ने ट्वीट कर बताया कि मीटिंग में राष्ट्रपति और पीएम के पद छोड़ने की पेशकश के अलावा कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त करने पर बात हुई. बैठक में कहा गया कि कार्यवाहक राष्ट्रपति अधिकतम 30 दिन के लिए नियुक्ति होगा. अगले कुछ दिनों में अंतरिम सर्वदलीय सरकार की नियुक्त की जाए और जल्द चुनाव कराए जाएं.
अनुरा कुमारा दिसानायके बनेंगे अगले राष्ट्रपति- सूत्र
एसएलपीपी महासचिव सागर करियावासम ने विमुक्ति पेरामुना को नेता नियुक्त करने का सुझाव दिया है. सूत्रों का कहना है कि अनुरा कुमारा दिसानायके पार्टी नेताओं की बैठक के दौरान देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं.
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विक्रमसिंघे को 59 दिन के भीतर ही प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा
आर्थिक संकट के बीच विक्रमसिंघे इसी साल 12 मई को श्रीलंका के प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उनसे पहले महिंद्रा राजपक्षे देश के प्रधानमंत्री थे. विक्रमसिंघे को 59 दिन के भीतर ही प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा है. विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को सूचित किया है कि एक सर्वदलीय सरकार का गठन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में ईंधन का संकट है, भोजन की कमी है और विश्व खाद्य कार्यक्रम निदेशक देश में आने वाले हैं. जब सरकार इस्तीफा देती है, तो यह आवश्यक है कि एक और सरकार स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्यभार ग्रहण करने के लिए तैयार हो. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आईएमएफ की चर्चा जैसे आर्थिक सुधार में बाधा न आए.
सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों को पीटा, हालात बिगड़े
पीएम रानिल विक्रमसिंघे के निजी घर के बाहर कवरेज कर रहे एक टीवी चैनल के कैमरामैन वरुना संपत और संवाददाता सरसी पेइरिस और यूडी सिंधुजन पर पीएम के सुरक्षा अधिकारियों ने हमला कर दिया. वहीं इस हमले के बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए हैं. उन्होंने पीएम आवास की ओर मार्च कर दिया है. वहीं विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने इस हमले की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,”मैं पीएम सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों द्वारा पत्रकारों पर हमले की निंदा करता हूं. प्रधानमंत्रीजी, मुझे आप पर शर्म आती है.
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राजपक्षे को अपना आवास छोड़कर भागना पड़ा
इससे पहले दिन में हजारों की संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया था. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना आवास छोड़कर भागना पड़ा था. राष्ट्रपति गोटाबाया और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की मांग की जा रही थी, लेकिन दोनों इस्तीफा देने को तैयार नहीं थे. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया देश छोड़कर भाग गए हैं.
कुल 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज
पिछले कुछ महीनों से श्रीलंका की जनता आर्थिक संकट से जूझ रही है. महंगाई चरम पर है. लोगों की जरूरतों के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. इसे लेकर लोग सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. श्रीलंका अभी अपनी आजादी (1948) के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. उस पर कुल 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है. देश को अभी प्रतिवर्ष 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है.
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