तबादले के बाद भी दी स्वीकृति
यह सरकार के निर्देशों का उल्लंघन है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. सीओ के तबादले के बाद भी अंतिम दो-तीन दिनों के अंदर बैकडेटिंग से शहर के कई व्यवसायियों के गैरमजरूआ जमीन को, जो 220 खाते में आते हैं, उन सभी की रसीद काटने की स्वीकृति दे दी गई. सीओ की इस कार्यशैली से रिश्वतखोरी का संदेह पैदा होता है. इसे भी पढ़ें-रामगढ़">https://lagatar.in/ramgarh-sit-raids-in-kujju-transport-nagar-3-people-arrested/37337/">रामगढ़: कुज्जू ट्रांसपोर्ट नगर में एसआईटी ने की छापेमारी, 3 लोग गिरफ्तार सईद नसीम ने कहा कि जिले के जीएम लैंड की गलत तरीके से बंदोबस्ती और इसकी जमाबंदी खोले जाने को लेकर जिले के तत्कालीन उपायुक्त शिवशंकर तिवारी द्वारा 2012 में ऐसे सभी जमीनों की रसीद काटने पर रोक लगा दी गई थी. इसे भी पढ़ें- CUJ">https://lagatar.in/vacancy-for-the-post-of-assistant-professor-in-cuj-apply-soon/37038/">CUJ
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जांच का विषय
हालांकि सरकार द्वारा 1 साल पूर्व कुछ शर्तों के साथ फिर से अनुमति दी गयी. आश्चर्य की बात यह है कि सरकार के निर्देशानुसार आम लोगों की छोटी-छोटी जमीनों की रसीदें अंचल से नहीं काटी जा रही हैं, जबकि बड़े भू-स्वमियों की जीएम लैंड की रसीदें काटी जा रही हैं. यह जांच का विषय है. इसे भी पढ़ें- युवती">https://lagatar.in/girl-accused-of-molesting-homeguard-jawan-complaint-lodged/37397/">युवतीने होमगार्ड जवान पर लगाया छेड़खानी का आरोप, शिकायत दर्ज
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