Lagatar Desk
राजधानी मोरहाबादी इलाके में एक होटल है. होटल के बाहर अक्सर बीएमडब्लू लगा रहता है. बीएमडब्यू का नंबर - 5 से शुरु होता है. वहां मनोज घंटों रूकता है. उसके पास कम से कम पांच मोबाईल फोन होते हैं. हो भी क्यों नहीं, उनके जो बड़े वाले साहेब हैं, वह तो बाजाब्ता एक छोटा बैग ही अपने साथ रखते हैं, जिसमें फोन ही फोन होता है. दो तो हाथ में ही रहता है, बैग में पता नहीं कितना होगा? यह अलग बात है कि साहेब हमेशा से उससे संबंध ना होने की बात कहते हैं.
अब मोबाईल फोन के बारे में कितना कहें, जितनी मुंह उतनी बातें. जब इस होटल के बाहर बीएमडब्यू खड़ा होता है, तो वहां करोड़ों के टर्न ओवर वाले कारोबारी पहुंचने लगते हैं. कारोबारी रिसेप्शन में बैठते हैं और फिर एक-एक कर उपर रेस्टुरेंट या कमरे में बुलाये जाते हैं.
वहां पहुंचने वाले सारे के सारे कारोबारी कोयला से जुड़े होते हैं. जी हां, कोयला ट्रांसपोर्टिंग से. कहने को वह पावर कंपनियों के लिए कोयला भेजने (रैक लोडिंग) का काम करते हैं. पर इस कारोबार को जानने वाले जानते हैं कि जिस रेट पर वह रैक लोडिंग का काम करते हैं, उस रेट पर दो-चार माह में ही घर की जमीन भी बिक जाये. तो वो करते क्या हैं. रेलवे साईडिंग पर मिक्सिंग का बड़ा खेल चलता है. इसकी चर्चा फिर कभी. तो कारोबारी होटल में पहुंचते हैं, चाय-कॉफी पीते हैं और साहेब के लिए रेट तय करके चले जाते हैं.
7-8 साल पहले की बात अलग थी. मनोज खुल करके खेलता था. बिल्कुल ओपेन. ओपेन माइंडेड. साहेब तब थोड़े छोटे अफसर थे, पर पावरफुल. खुफिया थे, तब उनके दफ्तर में वह टैब लेकर बैठा रहता था. ऑफिस भी जाता था, कांके रोड भी पहुंचता था और बड़े कारोबारियों के घर तक जाता था. अब स्तर बदल गया है. मनोज ने अलग-अलग जिलों में बाजाब्ता एजेंट बहाल कर रखा है, वही एजेंट हर माह करोड़ों की वसूली करता है. जैसे कि रामगढ़, हजारीबाग में संदीप, वसीम.
अब चर्चा कृष्ण कुमार उर्फ किशन की. किशन दिल्ली-हरियाणा का रहने वाला है. फॉर्चूनर से चलता है, जिसका नंबर दमन द्वीप से रजिस्टर्ड है और अंतिम अंक 2 है. वह रांची के पॉश इलाके अशोकनगर इलाके में स्थित एक महंगे होटल में महीनों रूकता है. उसके साथ हमेशा 5-7 लोग होता है. किशन का अपना अलग ही रूतबा और जलवा है. झारखंड से लेकर दिल्ली तक साहेब के लिए प्रबंध करता है. प्रबंध मतलब हर तरह का प्रबंध. झारखंड में अलग-अलग जिलों में किशन का एजेंट है, जो वसूली का काम करता है. दरअसल, मनोज खुद को रिजर्व रखता है, सिर्फ बड़े कारोबारियों से संपर्क व इंवेस्टमेंट. किशन उसके ठीक नीचे काम करता है.
किशन के नाम की चर्चा पिछले दिनों खूब हो रही थी. जब किशन ने अपने फॉर्चूनर की सर्विसिंग व मरम्मती रिंग रोड के एक सर्विसिंग सेंटर से कराया. 3.33 लाख रुपया का बिल आया. बिल दे नहीं रहा था. त्रिमुर्ती वाले गणेश ने फोन किया और गाड़ी रीलिज हो गया और बेचारा सर्विसिंग सेंटर वाला पैसे के लिए इधर-उधर दौड़ता रह गया.
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