NewDelhi : पश्चिम बंगाल के बीरभूम में पिछले दिनों हुई हिंसा के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ, जिसके कारण उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही 11 बज कर 54 मिनट पर 12 बजकर 10 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी. बता दे कि भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने शून्य काल के तहत इस मुद्दे को उठाया और भावुक होते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
#WATCH | BJP MP Roopa Ganguly broke down in Rajya Sabha over Birbhum incident, demanded President’s rule in West Bengal saying, “Mass killings are happening there, people are fleeing the state… it is no more liveable…” pic.twitter.com/EKQLed8But
— ANI (@ANI) March 25, 2022
बंगाल हिंसा के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि वह पश्चिम बंगाल के बारे में जो कहना चाह रही हैं, उसकी चर्चा करने से सिर ग्लानि से झुक जाता है. उन्होंने कहा कि बीरभूम जिले में दो बच्चों सहित आठ लोगों को जलाकर मार दिया गया. कहा कि राज्य की पुलिस पर किसी को भरोसा नहीं रह गया है.
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पश्चिम बंगाल में जन्म लेना कोई अपराध नहीं है…
गांगुली ने कहा, झालदा में काउंसिलर मरता है…सात दिन के अंदर 26 हत्याएं होती हैं…26 राजनीतिक हत्याएं…आग से जलाकर खत्म कर दिया गया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि पहले सभी के हाथ पैर तोड़े गये और फिर कमरे में बंद करके जला दिया गया. उन्होंने कहा, वहां एक-एक कर लोग भाग रहे हैं. वहां पर लोग जीने की स्थिति में नहीं हैं. पश्चिम बंगाल भारत का अंग है. हमें…रूपा गांगुली को राष्ट्रपति शासन चाहिए. हमें जीने का हक है. पश्चिम बंगाल में जन्म लेना कोई अपराध नहीं है. ये अपराध नहीं हो सकता.’और इतना कहते हुए वह रोने लगीं.
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टीएमसी सदस्यों ने किया हंगामा
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया. इस दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश ने विशेष उल्लेख के तहत लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए बीजू जनता दल की ममता मोहंता का नाम पुकारा. हंगामे के बीच ही ममता ने अपना मुद्दा उठाया लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जा सकी. उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की. अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने कार्यवाही 11 बजकर 54 मिनट पर दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी.