Search

पंचायतों और निकायों में भी करा सकते हैं विवाह का निबंधन, लेकिन नहीं हो रहा

Sunil Pandey Jamshedpur : झारखंड सरकार ने जिस सोच के साथ नियमावली बनाई, वह तीन वर्षों बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पायी. इसे लोगों की लापरवाही कहें या जागरुकता का अभाव. लेकिन सरकार की मंशा सफल नहीं हो पायी. हम बात कर रहे हैं झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन नियमावली 2018 की. उक्त नियमावली का गठन झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनियम-2017 की धारा 32 द्वारा प्रदत शक्तियों के तहत किया गया. इसका उद्देश्य विवाह का निबंधन बढ़ना था. साथ ही इसका क्षेत्र विस्तार किया गया. इसके तहत पंचायतों, निकायों और छावनी पर्षद में विवाह निबंधन पदाधिकारी नामित किए गए, लेकिन नियमावली गठन के तीन वर्षों बाद भी एक भी निबंधन इन फोरम में नहीं हो सका है.

विवाह निबंधन पदाधिकारी एवं क्षेत्राधिकार

[caption id="attachment_233110" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/JNAC1-1-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> जेएनएसी में करा सकते हैं विवाह का निबंधन.[/caption] झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनियम 2017 की धारा 7 के अनुसार शहरी क्षेत्र में अनिवार्य विवाह निबंधन का कार्य स्थानीय शहरी निकायों जैसे नगर निगम, नगरपालिका, अधिसूचित क्षेत्र समिति, नगर परिषद और नगर पंचायत आदि को सौंपा गया. निबंधन का कार्य उपरोक्त शहरी निकायों में जन्म और मृत्यु का निबंधन करने वाले पदाधिकारी को दिया गया. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य विवाह निबंधन का कार्य जन्म और मृत्यु का निबंधन करने वाले पदाधिकारी (पंचायत सेवक या सचिव) को दिया गया. इसी तरह छावनी पर्षद क्षेत्र में अनिवार्य विवाह निबंधन का कार्य उन पदाधिकारियों द्वारा संपादित होगा, जो जन्म और मृत्यु का निबंधन करते हैं.

निबंधन शुल्क एवं अर्थदंड

[caption id="attachment_233112" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/panchayat-bhavan-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> पंचायत भवन में भी करा सकते हैं विवाह का निबंधन.[/caption] झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन नियमावली 2018 के तहत अनिवार्य विवाह का निबंधन शुल्क 50 रुपया, विलंब शुल्क प्रतिदिन 5 रुपया की दर से अधिकतम 100 रुपया, अनुक्रमणि खोज शुल्क 10 रुपया प्रतिवर्ष, विवाह प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति के लिए 50 रुपया और विवाह निबंधन आपत्ति शुल्क 500 रुपया निर्धारित किया गया. इस नियमावली के अन्तर्गत सभी शुल्कों का भुगतान ऑनलाइन किया जाना है. इसके लिए विभाग ने https://jhajsewa.jharkhand.gov.in

वेबसाइट विकसित किया है. हालांकि जिलास्तर पर एनआईसी की ओर से ई-निबंधन पोर्टल जारी किए गए हैं.

पंडित व काजी द्वारा निर्गत विवाह प्रमाण पत्र भी करने होंगे अपलोड

विवाह का निबंधन कराने के लिए शादी करने वालों को ऑनलाइन आवेदन भरना होगा. इसमें शादी करने वालों का नाम, फोटो, आयु, निवास स्थान, व्यवसाय, विवाह की तिथि और स्थान, मोबाइल नंबर और आधार संख्या जरूरी होगा. इसके अतिरिक्त वर-वधू के विवाह का फोटो और पंडित/काजी की ओर से निर्गत विवाह प्रमाण पत्र ई-निबंधन पोर्टल पर अपलोड करना होगा. ग्रामीण क्षेत्र में आवेदन के साथ मुखिया, सरपंच और शहरी क्षेत्र में वार्ड पार्षद, राजपत्रित पदाधिकारी की ओर से विवाह संपादित किए जाने का प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा.

जागरुकता की कमी से पंचायतों में नहीं हो रहा निबंधन : अशोक सिन्हा

अवर जिला निबंधन पदाधिकारी सह विवाह निबंधन पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकार ने जिस उद्देश्य से नियमावली बनायी है, वह जागरुकता और जानकारी के अभाव के कारण सफल नहीं हो पा रहा है. जिलास्तर पर आयोजित बैठकों में उपायुक्त के स्तर से पंचायतों और निकायों के पदाधिकारियों को बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है. अगर पंचायतों और निकायों में विवाह का निबंधन होने लगे तो लोगों को जिला मुख्यालय आने की जरूरत नहीं है. पक्षकारों का समय और पैसा दोनों बचेगा. साथ ही अवर जिला निबंधन कार्यालय पर वर्कलोड भी घटेगा. विभाग की वेबसाइट पर जाकर मोबाइल से भी निबंधन के लिए आवेदन किया जा सकता है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में सीएससी (प्रज्ञा केन्द्र) के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं.

शादी के पहले और बाद में भी करा सकते हैं निबंधन

विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अन्तर्गत शादी के पहले और शादी के बाद भी अपने विवाह का निबंधन करा सकते हैं. अधिनियम की धारा 5 के तहत शादी के पहले निबंधन करा सकते हैं, जबकि धारा 15 के अनतर्गत शादी के बाद निबंधन का आवेदन दिया जा सकता है. अवर जिला निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में शादी के पहले निबंधन कराने वालों की संख्या शादी के बाद निबंधन कराने वालों से ज्यादा है. बीते वर्ष 2021 में एक जनवरी से दिसंबर 2021 के बीच धारा 5 के तहत 1330 लोगों ने आवेदन किया. इसमें 1120 का विवाह संपन्न हुआ. वहीं धारा 15 के तहत 1152 लोगों ने आवेदन किया. इसमें 1075 का विवाह संपन्न हुआ.

चार वर्षों में 21 सिखों ने कराया आनंद विवाह का निबंधन

पूर्वी सिंहभूम जिले में विशेष विवाह और हिन्दू विवाह के अतिरिक्त आनंद विवाह (सिख) का निबंधन कराने वालों में विशेष विवाह अधिनयम के तहत शादी के पहले निबंधन कराने वालों की तादाद ज्यादा है. 12 वर्षों में पूर्वी सिंहभूम में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5 के तहत विवाह संपन्न कराने वालों की संख्या 8693 है, जबकि इसी अधिनियम की धारा 15 के तहत विवाह संपन्न कराने वालों की तादाद 7001 है. हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत विवाह संपन्न कराने वालों की संख्या 383 है. 2017 से 2021 के बीच मात्र 21 सिखों ने आनंद विवाह के अन्तर्गत अपना निबंधन कराया है. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp