Ranchi: सुप्रीम कोर्ट ने हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रमाण पत्र सत्यापन से वंचित अभ्यर्थियों की अपील याचिका पर सुनवाई के लिए स्वीकृति दे दी है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को नोटिस जारी किया है.
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क्या है मामला?
इस मामले में प्रार्थी निर्मल पाहन और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिन्हें हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रमाण पत्र सत्यापन में शामिल नहीं किया गया था. प्रार्थियों का कहना है कि उन्हें मेरिट लिस्ट के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली, जिसके कारण वे समय पर अपना प्रमाण पत्र सत्यापन नहीं करवा सके.
प्रार्थियों की दलील
प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने सुप्रीम कोर्ट में बहस करते हुए कहा कि परीक्षा के कई सफल अभ्यर्थियों को एसएमएस, ईमेल और डाक के माध्यम से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के संबंध में खबर भेजी गई थी, जबकि प्रार्थियों को इसका लाभ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि यदि किसी अभ्यर्थी को विशेष तरह से आमंत्रित किया गया और उसे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की जानकारी दी गई, तो यह अन्य अभ्यर्थियों के साथ भी होना चाहिए था.
जेएसएससी की दलील
जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने हाईकोर्ट में बताया था कि सोनी कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मेरिट लिस्ट जारी की गई है. जेएसएससी ने इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट कहा था कि मेरिट लिस्ट आयोग की वेबसाइट पर ही उपलब्ध रहेगी. प्रार्थियों ने आयोग की वेबसाइट नहीं देखी, तो यह प्रार्थियों की गलती है.
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