Faisal Anurag
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के बहाने उन तमाम लोगों को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जो कोरोना सुनामी से मची तबाही के लिए केंद्र सरकार खास कर नरेंद्र मोदी को जिम्मेवार बता रहे हैं. जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर उन पर और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा है महामारी के दौर में कांग्रेस की भूमिका को लोग याद रखेंगे.
नड्डा के पत्र से ऐसा जान पड़ता है कि इस महामारी की सुनामी की जिम्मेदारी कांग्रेस के नेताओं के बयान और सरकार की आलोचना ही है. भाजपा, उसके सहयोगी और सरकार की बेचैनी का ही नतीजा है कि बिहार में उस पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्होंने भाजपा सांसद राजीव प्रसाद रूढ़ी के कार्यालय में छुपा कर रखे गए एंबुलेंस का भंडाफोड़ किया. संदेश साफ है यदि भाजपा के केंद्र या राज्य की सरकारों की आलोचना होगी या उसकी कमियों को उजागर किया जाएगा तो उसे जेल जाना होगा, जिसने यह दुस्साहस किया है.
उत्तर प्रदेश में तो एक कानून ही योगी सरकार ने बना दिया हे जिसमें अस्पताल,ऑक्सीजन, दवा की कमी की बात करने वाले, या उसके लिए गुहार करने वालों की संपत्ति जब्त तक कर लेने की बात की गयी है. इस समय जिस तरह से नदियों में तैरते शव दिख रहे हैं उसने सरकारों के तमाम दावों को बेपर्दा कर दिया है. नड्डा की नराजगी तो तब बढ़ गयी जब राहुल गांधी ने ट्टीट कर कहा- नदियों में बहते अनगिनत शव, अस्पतालों में लाइनें मीलों तक, जीवन सुरक्षा का छीना हक़! पीएम, वो गुलाबी चश्में उतारें जिससे सेंट्रल विस्टा के सिवा कुछ दिखता ही नहीं.
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में भाजपा अध्यक्ष की मूल शिकायत भी तो यही है कि महामारी के दौरान कांग्रेस और उसके नेताओं ने सवाल क्यों उठाए. कांग्रेस ने चुपचाप एनडीए घटक दलों की तरह सराहना क्यों नहीं की. सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था देश में सिस्टम नहीं सरकार फेल हुई है.
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं पर दोमुहेपन और ओछेपन का आरोप लगाते हुए वैक्सीन को लेकर जनता को भ्रमित करने का भी उस पर आरोप लगाया है. नड्डा ने कहा है कि ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है कांग्रेस को झूठी दहशत फैलाना बंद करना चाहिए. कोरोना सुनामी के समय राहुल गांधी के ट्वीट से भाजपा खासी परेशान होती है.
नड्डा ने सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं बल्कि उन तमाम लोगों को संदेश दिया है कि वे सरकार पर अकर्मण्यता और निष्क्रियता के आरोप लगाने से बचें. लेकिन जेपी नड्डा को यह भी बताना चाहिए कि वह दुनिया भर के अखबारों और चैनलों की आलोचनाओं का क्या करेंगे जिन्होंने मोदी सरकार को ले कर इसी तरह की टिप्पणी की है.
जेपी नड्डा का पत्र और पप्पू यादव की गिरफ्तारी का समय थोड़ा ही आगे पीछे है. लेकिन भाजपा जदयू की सरकार ने पूरे देश के लिए यह तो संदेश दिया है कि वे किसी भाजपा सांसद या विधायक को ले कर कोई ऐसा सवाल खड़ा नहीं करें जो अप्रिय सत्य हो. किसे याद नहीं कि एंबुलेंस के किस संकट के दौर से देश के लोग गुजरे हैं और गुजर रहे हैं. बिहार तो उन राज्यों में है जो इस प्रबंधन में लगा हुआ है कि मामले को कम से कम कैसे दिखाया जाए. किसी भी कोविड टेस्ट सेंटर पर जा कर देख लीजिए एंटीजन टेस्ट, आरटी पीसीआर टेस्ट का अनुपात क्या है. आंकड़ों की बाजीगरी से साख बचाने का प्रयास पीड़ितों के दर्द और तबाही की भरपायी नहीं कर सकता.