शाह महमूद कुरैशी ने कहा, हम 370 को ज्यादा अहमियत नहीं देते, हमें 35A से परेशानी है.
NewDelhi : पाकिस्तान ने मान लिया है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया जाना भारत का आंतरिक मामला है. खबर आयी है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने को भारत का आंतरिक मामला करार दिया है.
पाकिस्तान के न्यूज चैनल समा टीवी को दिये गये इंटरव्यू में महमूद कुरैशी ने यह बात कही. बता दें कि अभी तक पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध करता रहा था, लेकिन अब आर्टिकल 370 हटने के 21 महीने बाद महमूद कुरैशी ने सार्वजनिक तौर पर इसे भारत का आंतरिक मसला बताया.
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया गया था.
केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 हटा दिया था. इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था. हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है.
उस समय जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने का पाकिस्तान द्वारा जमकर विरोध किया गया. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान ने इसके खिलाफ आवाज उठायी.. हालांकि, अब वहां के विदेश मंत्री ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को भारत का आंतरिक मामला बताया है.
370 हटाये जाने पर प्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है.
समा टीवी को दिये इंटरव्यू में महमूद कुरैशी ने कहा, 370 हटाये जाने पर वहां की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है. इसे चुनौती दी गयी है. कश्मीर में जो भी कदम उठाए गए हैं, उसकी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. चाहे वो 370 की शक्ल में हो या 35A की. एक बहुत बड़ा तबका मानता है कि इन कदमों से हिंदुस्तान ने खोया ज्यादा है और पाया कम है.
उन्होंने कहा. हम 370 को ज्यादा अहमियत नहीं देते. हमें 35A से परेशानी है. उन्होंने कहा, हमारी परेशानी तो 35A को लेकर है, क्योंकि इससे कश्मीर के भूगोल और आबादी का संतुलन बदलने की कोशिश की जा रही है.
बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.
कुरैशी ने कहा, दोनों देशों के बीच बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. इनके अपने मसले हैं. इनको आज, कल या परसों हल करना होगा. उनको हल करने का तरीका क्या है? जंग तो ऑप्शन है नहीं. जंग तो खुदकुशी हो सकती है. और अगर जंग ऑप्शन नहीं है, तो बातचीत ऑप्शन है. अगर बातचीत ऑप्शन है तो बैठकर मुद्दों को हल किया जा सकता है.