खबरों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने नये डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट द्वारा आरटीआई एक्ट में लाये गये बदलावों पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने चिंता जताते हुए कहा कि आरटीआई एक्ट में बदलाव से लोगों की सूचना तक पहुंचने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.Delhi | A delegation of activists, researchers, journalists and experts met Lok Sabha LoP Rahul Gandhi and MP Priyanka Gandhi, in Parliament today. The delegation discussed changes brought to the RTI Act by the new Digital Personal Data Protection Act, adversely impacting the… pic.twitter.com/J65wbF9c1Q
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— ANI (@ANI) March">https://twitter.com/ANI/status/1904486809876177031?ref_src=twsrc%5Etfw">March
25, 2025
30 से ज्यादा नागरिक समाज संगठन एकजुट हुए थे
बता दें कि इससे पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 में बदलावों का विरोध करने के लिए 30 से ज़्यादा नागरिक समाज संगठन शुक्रवार को एकजुट हुए और मीडियाकर्मियों को संबोधित किया. इन संगठनों के सदस्यों ने आशंका जताई थी कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट में एक प्रावधान के जरिए 2023 में पारित संशोधन से सरकारी एजेंसियों के लिए जानकारी का खुलासा करने की बाध्यता में कमी आयेगी. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जवाबदेही सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ऐसी जानकारी तक पहुंच बहुत जरूरी है. जान लें कि यह संशोधन अभी तक क्रियान्वित नहीं हुआ है, क्योंकि डीपीडीपी अधिनियम को लागू करने के लिए आवश्यक अधीनस्थ कानून अभी तक जारी नहीं हुआ है. संवाददाता सम्मेलन में कई प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता, कानूनी विशेषज्ञ, मीडिया प्रतिनिधि और नागरिक समाज के सदस्य शामिल थे, इनमें एमकेएसएस संस्थापक अरुणा रॉय, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पूर्व सिविल सेवक और पारदर्शिता अधिवक्ता कमल जसवाल, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त एमएम अंसारी और पत्रकार प्रज्ञा सिंह शामिल थे. इसे भी पढ़ें : दंतेवाड़ा">https://lagatar.in/in-dantewada-security-forces-killed-three-naxalites-including-a-maoist-carrying-a-bounty-of-rs-25-lakh/">दंतेवाड़ामें सुरक्षा बलों ने 25 लाख के इनामी माओवादी सहित तीन नक्सलियों का मार गिराया
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