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देश में आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे की तरह...सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

 महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का विवादास्पद मुद्दा 2022 की रिपोर्ट से पहले जैसा ही रहेगा. NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार को टिप्पणी की कि देश में आरक्षण ट्रेन के उस डिब्बे की तरह हो गया है, जिसमें जो घुस जाता है, फिर वह दूसरे को अंदर आने देना नहीं चाहता. SC ने महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विवाद से जुड़े मुद्दे की सुनवाई के क्रम में यह बात कही. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ इस केस को सुन रही है. इसी दौरान यह तल्ख टिप्पणी जस्टिस सूर्यकांत के द्वारा की गयी. लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, इस देश में जाति आधारित आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे की तरह हो गया है. जो लोग इस डिब्बे में चढ़ जाते हैं, वे नहीं चाहते कि दूसरे अब अंदर आयें. जस्टिस सूर्यकांत की बैंच ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का विवादास्पद मुद्दा 2022 की रिपोर्ट से पहले जैसा ही रहेगा. खबर है कि कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना चार सप्ताह के अंदर जारी करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट में तर्क दिया कि राज्य के बंठिया आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव में यह जानकारी हासिल किये बिना ओबीसी को आरक्षण दे दिया कि वे राजनीतिक रूप से पिछड़े हैं या नहीं. कहा कि राजनीतिक पिछड़ापन सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन से अलग है. इसलिए ओबीसी को स्वत: राजनीतिक रूप से पिछड़ा नहीं करार दिया जा सकता. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने रेलगाड़ी के डिब्बे वाली बात करते हुए कही कि याचिकाकर्ता का भी यही खेल है. बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत इस साल के अंत तक देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. उनसे पहले 14 मई को जस्टिस बीआर गवई 52वें CJI के तौर पर शपथ लेंगे. इसे भी पढ़ें : राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-reached-karnal-met-the-family-members-of-lieutenant-vinay-narwal/">राहुल

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