Ranchi: झारखंड के छह मेडिकल कॉलेजों के 700 सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का फैसला लिया है. सातवें वेतनमान की बकाया एरियर की मांग को लेकर 1 मार्च से 6 मार्च तक काला बिल्ला लगाकर तमाम मेडिकल कॉलेजों के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम किया. बावजूद इसके विभाग के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं उठाया गया. इससे नाराज डॉक्टरों ने सोमवार को राज्य के 5 मेडिकल कॉलेजों में सुबह से ही ओपीडी की सेवा बाधित कर रखी थी. वहीं रिम्स में दोपहर बाद ओपीडी सेवा को बाधित किया गया.
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डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने की स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव केके सोन से उनके नेपाल हाउस स्थित कार्यालय में मुलाकात कर अपनी समस्याओं को रखा. इस दौरान उनकी मांगों पर कोई ठोस विचार नहीं किया गया. जिससे नाराज जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्य भर के सभी मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवा को बाधित रखने का फैसला लिया है.
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इमरजेंसी और कोविड सेवा जारी
हालांकि सीनियर और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर अपने विरोध के दौरान आकस्मिक सेवा के साथ कोविड ड्यूटी, आईसीयू, ट्रॉमा सेंटर, प्रसव के कार्य समेत चुनिंदा ऑपरेशन का काम जारी रखेंगे.
स्वास्थ्य सचिव से वार्ता के दौरान ये रहे मौजूद
स्वास्थ्य सचिव से वार्ता के दौरान रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के संयोजक डॉ अजीत कुमार, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विकास कुमार, सचिव डॉ अनितेश गुप्ता, उपाध्यक्ष डॉ मृणाल, उपाध्यक्ष डॉ अमित मिंज और डॉ चंद्रभूषण मौजूद रहे.
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