उत्तम संयम धर्म के रूप में मना दशलक्षण पर्यूषण पर्व
Hazaribagh : दशलक्षण धर्म का महापर्व का छठा दिन रविवार को उत्तम संयम धर्म के रूप में बॉडम बाजार और बड़ा बाजार दिगंबर जैन मंदिरों में भक्तिभाव और उल्लास से मनाया गया. प्रातः दोनों दिगंबर जैन मंदिरों में भगवान का अभिषेक, शांतिधारा और सामूहिक कलश सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया. महिलाओं ने केसरिया वस्त्र में विधान, भक्ति पूजन और पाठ उमंग और उल्लास के साथ किया. इस दौरान पंडित नयन जी शास्त्री के सानिध्य में दशलक्षण महामंडल विधान बड़ा बाजार मंदिर में धूमधाम से मनाया गया. उत्तम संयम धर्म पर प्रकाश डालते हुए पंडित नयन शास्त्री जी ने कहा कि संयम ही आत्मा की पवित्रता का साधन है. संयम मोक्ष का साक्षात कारण है. बिना संयम धारण किए आत्मा परमात्मा नहीं बन सकता. जीवन में खान-पान, रहन-सहन, प्राणियों की रक्षा आदि में संयम रखना चाहिए. संयम वह निधि है, जो मनुष्य को पूज्य बना देता है. संयम नहीं, तो मुक्ति नहीं अर्थात संयम के बिना सच्चा सुख प्राप्त नहीं होगा. दोपहर में बड़ा बाजार दिगंबर जैन मंदिर में सांगानेर से आए पंडित विद्वान जैन जी शास्त्री ने तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया. संध्या में दोनों मंदिरों में महाआरती, भक्तामर व णमोकार महामंत्र का जाप किया गया. फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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धार्मिक तंबोला कार्यक्रम आयोजित, उत्तम तप धर्म की पूजा सोमवार को
जैन महिला समिति की ओर से धार्मिक तंबोला कार्यक्रम हुआ. मंगलाचारण श्रुति बड़जात्या व आशा विनायका ने भजनों से खजुराहो में आए संकट में सहयोग का निवेदन किया. सभी विजेताओं को अनिल किरण पाटनी ने पुरस्कृत किया. प्रभारी विजय लुहाड़िया ने बताया कि सोमवार को उत्तम तप धर्म की पूजा होगी.
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सभी वर्ग के लोग धर्म के प्रति करते हैं ध्यान
दिगंबर जैन पंचायत के प्रदेश प्रभारी विजय लुहाड़िया ने बताया कि दस दिन तक लगातार चलने वाले इस महापर्व पर में श्रद्धालु धर्म की गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. पूरे भारतवर्ष सहित विश्व भर में रहने वाले जैन समाज के लोग दस दिनों तक व्रत, संयम, तप, त्याग कर पूजा में लीन रहते हैं. बच्चों से लेकर महिलाएं, बुजुर्ग सभी इन दस दिनों में आवश्यक रूप से अपने अन्य कार्यों को छोड़कर धर्म के प्रति ध्यान करते हैं.