अर्थशास्त्रियों ने खुदरा महंगाई दर कम होने का लगाया था अनुमान
बता दें कि हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया था. जिसमें यह अनुमान लगाया गया था कि खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में छह महीने के निचले स्तर 4.32 फीसदी तक घट सकती है. इस सर्वेक्षण में 43 अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया था. पिछले साल की समान समयअवधि में यानी अक्टूबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 7.61 फीसदी रही थी. अक्टूबर 2020 से तुलना करें तो अक्टूबर 2021 में खुदरा महंगाई दर घटा है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 3.13 फीसदी की गिरावट आयी है. इसे भी पढ़े : नवंबर">https://lagatar.in/the-countrys-treasury-decreased-by-1-point-145-billion-in-the-month-of-november-gold-reserves-and-fca-also-declined/">नवंबरमाह में 1.145 अरब डॉलर घटा देश का खजाना, गोल्ड रिजर्व और एफसीए में भी आयी गिरावट
ग्रामीण क्षेत्रों में घटा महंगाई दर
रूरल एरिया यानी ग्रामीण इलाकों में भी महंगाई घटी है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.07 फीसदी रही. इससे पहले सितंबर में रूरल एरिया में इंफ्लेशन रेट 4.13 फीसदी रहा था. अक्टूबर 2020 में ग्रामीण इलाकों में इंफ्लेशन रेट 7.75 फीसदी रहा था. जो सितंबर 2021 की तुलना में बहुत ज्यादा था.अक्टूबर 2020 की तुलना में शहरी क्षेत्रों में 2.29 फीसदी घटा महंगाई
अर्बन एरिया में महंगाई घटी है. अक्टूबर माह में यह 5.04 फीसदी रही. वहीं सितंबर में अर्बन एरिया में खुदरा महंगाई दर 4.57 फीसदी रही थी. अक्टूबर 2020 में शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 7.33 फीसदी थी. अक्टूबर 2020 की तुलना में अक्टूबर 2021 में महंगाई 2.29 फीसदी घटा है. इसे भी पढ़े : पंजाब">https://lagatar.in/punjab-cm-channi-announced-farmers-arrested-in-violence-on-january-26-will-get-compensation-of-rs-2-lakh/">पंजाबके सीएम चन्नी ने किया ऐलान, 26 जनवरी को हुई हिंसा में गिरफ्तार किसानों को मिलेगा 2-2 लाख का मुआवजा
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में आरबीआई की होती है नजर
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) डेटा पर मुख्य रूप से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नजर होती है. हर दो महीने पर रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होती है. इस बैठक में इंफ्लेशन रेट को लेकर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक ने महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. इसमें 2 फीसदी कम और ज्यादा का स्पेस दिया गया है. मतलब 2 फीसदी से 6 फीसदी के बीच महंगाई दर रिजर्व बैंक के दायरे में है. अगर यह इससे कम या ज्यादा होता है तो आरबीआई को मॉनिटरी पॉलिसी में बदलाव करने पड़ते हैं.महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान
बता दें कि इस समय पूरी दुनिया बढ़ती महंगाई से परेशान है. अमेरिका में महंगाई दर बढ़कर 6.2 फीसदी हो गयी है. यह साल 1990 के बाद की सबसे बड़ी तेजी है. केंद्रीय बैंक ने 2021-22 के लिए खुदरा महंगाई 5.3 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने दूसरी तिमाही के लिए यह 5.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी और वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. इसे भी पढ़े : जीतन">https://lagatar.in/jitan-ram-manjhis-daughter-in-law-gave-a-challenge-to-kangna-saying-if-you-have-the-status-then-show-off-by-speaking-in-e-language-bihar/">जीतनराम मांझी की बहू ने कंगना को दिया चैलेंज,कहा- औकात है तो ई भाषा बिहार में बोलकर दिखाव
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