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अक्टूबर में 4.48 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर , खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि के कारण बढ़ा इंफ्लेशन रेट

LagatarDesk :   अक्टूबर महीना फेस्टिव सीजन से भरा था. ऐसे में आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा है. जिसका पता अक्टूबर महीने के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े से पता चल रहा है. दरअसल अक्टूबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स  यानी खुदरा महंगाई दर 4.48 फीसदी रही. खाद्य पदार्थों के कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई दर बढ़ी है. आपको बता दें कि इससे पहले सितंबर में खुदरा महंगाई दर 4.35 फीसदी रही थी. पिछले महीने की तुलना में खुदरा महंगाई दर में 0.13 फीसदी बढ़ी है. हालांकि अक्टूबर में महंगाई दर आरबीआई के दायरे में रही.

अर्थशास्त्रियों ने खुदरा महंगाई दर कम होने का लगाया था अनुमान

बता दें कि हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया था. जिसमें यह अनुमान लगाया गया था कि खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में छह महीने के निचले स्तर 4.32 फीसदी तक घट सकती है. इस सर्वेक्षण में 43 अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया था.  पिछले साल की समान समयअवधि में यानी अक्टूबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 7.61 फीसदी रही थी. अक्टूबर 2020 से तुलना करें तो अक्टूबर 2021 में खुदरा महंगाई दर घटा है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 3.13 फीसदी की गिरावट आयी है. इसे  भी पढ़े : नवंबर">https://lagatar.in/the-countrys-treasury-decreased-by-1-point-145-billion-in-the-month-of-november-gold-reserves-and-fca-also-declined/">नवंबर

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ग्रामीण क्षेत्रों में घटा महंगाई दर

रूरल एरिया यानी ग्रामीण इलाकों में भी महंगाई घटी है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.07 फीसदी रही.  इससे पहले सितंबर में रूरल एरिया में इंफ्लेशन रेट 4.13 फीसदी रहा था. अक्टूबर 2020  में ग्रामीण इलाकों में इंफ्लेशन रेट 7.75 फीसदी रहा था. जो सितंबर 2021 की तुलना में बहुत ज्यादा था.

अक्टूबर 2020 की तुलना में शहरी क्षेत्रों में 2.29 फीसदी घटा महंगाई

अर्बन एरिया में महंगाई घटी है. अक्टूबर माह में यह 5.04 फीसदी रही. वहीं सितंबर में अर्बन एरिया में खुदरा महंगाई दर 4.57 फीसदी रही थी. अक्टूबर 2020 में शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई दर 7.33 फीसदी थी. अक्टूबर 2020 की तुलना में अक्टूबर 2021 में महंगाई 2.29 फीसदी घटा है. इसे  भी पढ़े : पंजाब">https://lagatar.in/punjab-cm-channi-announced-farmers-arrested-in-violence-on-january-26-will-get-compensation-of-rs-2-lakh/">पंजाब

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कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में आरबीआई की होती है नजर

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI)  डेटा पर मुख्य रूप से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नजर होती है. हर दो महीने पर रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होती है. इस बैठक में इंफ्लेशन रेट को लेकर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक ने महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. इसमें 2 फीसदी कम और ज्यादा का स्पेस दिया गया है. मतलब  2 फीसदी से 6 फीसदी के बीच महंगाई दर रिजर्व बैंक के दायरे में है. अगर यह इससे कम या ज्यादा होता है तो आरबीआई को मॉनिटरी पॉलिसी में बदलाव करने पड़ते हैं.

महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान

बता दें कि इस समय पूरी दुनिया बढ़ती महंगाई से परेशान है. अमेरिका में महंगाई दर बढ़कर 6.2 फीसदी हो गयी है. यह साल 1990  के बाद की सबसे बड़ी तेजी है. केंद्रीय बैंक ने 2021-22 के लिए खुदरा महंगाई 5.3 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने दूसरी तिमाही के लिए यह 5.1 फीसदी,  तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी और वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.  2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. इसे  भी पढ़े :  जीतन">https://lagatar.in/jitan-ram-manjhis-daughter-in-law-gave-a-challenge-to-kangna-saying-if-you-have-the-status-then-show-off-by-speaking-in-e-language-bihar/">जीतन

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औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में 3.1 फीसदी रही

विनिर्माण और खनन क्षेत्र के प्रदर्शन के दम पर देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) सितंबर में 3.1 फीसदी बढ़ गया. पिछले साल सितंबर में यह एक फीसदी और अक्टूबर में 4.5 फीसदी बढ़ा था. एनएसओ के मुताबिक, आईआईपी में 77.63 फीसदी का योगदान देने वाले विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 2.7 फीसदी की तेजी रही. खनन क्षेत्र में 8.6 फीसदी और बिजली उत्पादन में 0.9 फीसदी बढ़ोतरी रही. [wpse_comments_template]

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