सजल भारत, हरित भारत के उद्देश्यों को सफल बनाने की पहल
सेवानिवृत्त डीजीपी ने गृह जिला कोडरमा और हजारीबाग को ले रखा है गोद
वर्तमान में बाढ़-सुखाड़, विश्व जन आयोग स्वीडन के हैं सलाहकार
झारखंड, यूपी, एमपी समेत देश के विभिन्न आठ राज्यों में जल संरक्षण को लेकर चला रहे जागरुकता अभियान
Jaideep Sinha
Barhi: सजल भारत, हरित भारत के उद्देश्यों को सफल बनाने के उद्देश्य से प्राकृतिक जलसंरक्षण पर आरएनवाईएम कॉलेज बरही में मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी और विद्यार्थी शामिल हुए.
बतौर मुख्य वक्ता और अभियान को गति देने वाले जलगुरु नाम से विख्यात उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त डीजीपी महेंद्र मोदी ने अपने संदेश से लोगों को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि लाखों रुपए खर्च कर कृत्रिम तरीके से भूगर्भ जल खींचे जा रहे हैं. दिन प्रतिदिन जलस्तर नीचे भाग रहा है. पेयजल दूषित हो रहे हैं. हम पैसे से विषैले पेयजल खरीद रहे हैं, जो जीवन के लिए चिंतनीय है. उन्होंने कहा कि थोड़े से श्रम दान कर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है. वर्षा की बूंदों और प्रयोग किए गए जल को संरक्षित करने की आवश्यकता है. इसके लिए जलगुरु ने कम खर्च में जल संरक्षित और शुद्ध बनाने के विभिन्न मॉडलों की विस्तार से चर्चा भी की. इसके लिए छत पर के जल, तालाब जल, ट्रेंच मॉडल आदि जैसे विभिन्न मॉडल की व्याख्या करते हुए जलसंरक्षण करने के तरीके बताए.
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अंत में जलगुरु सहित कार्यशाला में शामिल सभी लोगों ने कॉलेज परिसर में लगे नलकूप के जल को संरक्षित करने के लिए ट्रेंच बनाने के लिए प्रतीकात्मक श्रमदान भी किया. जलगुरु ने अपील की कि इसी प्रकार सभी लोग श्रमदान कर ट्रेंच बनाएं और प्राकृतिक जल संरक्षित कर पूरे देश को स्वस्थ बनाते हुए सजल भारत हरित अभियान को सफल बनाएं. कार्यशाला का समापन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणा रानी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया. कार्यशाला में महाविद्यालय के सचिव परमेश्वर यादव, प्राचार्य डॉ. विमल किशोर, प्रो. डॉ. संजय कुमार वर्णवाल, डॉ. संगीता चौधरी, नैयर इकबाल, दिनेश कुमार, नागेश्वर यादव समेत कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स मौजूद थे.
वर्ष 2008 से लगातार जल संरक्षण पर काम कर रहे जलगुरु
जलगुरु के नाम से विख्यात हुए महेंद्र मोदी जो मूलतः कोडरमा जिले के चंदवारा प्रखंड के निवासी हैं. वह वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश से बतौर डीजीपी सेवानिवृत्त हुए. 2008 से लगातार जल संरक्षण पर कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में बाढ़ सुखाड़ विश्व जन आयोग स्वीडन के सलाहकार भी हैं. यूपी, एमपी सहित देश के विभिन्न आठ राज्यों में उन्होंने जल संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाया है. कई स्थानों पर मॉडल कार्यरत भी हैं. इस मॉडल से लोगों को कम खर्च में शुद्ध पानी, जैविक खाद सहित आर्थिक आय की भी बचत हो रही है. फरवरी 2008 से झारखंड में जल जन जागरुकता की शुरुआत की. जल संरक्षित करने के लिए उन्होंने कोडरमा और हजारीबाग जिले को गोद ले रखा है. इस कार्य को सफल बनाने के लिए उन्होंने यहां के शिक्षकों, समाजसेवियों, युवकों, कृषकों आदि के साथ मिलकर टीम बनानी शुरू कर दी है.
![जल संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं जलगुरु के नाम से मशहूर सेवानिवृत्त डीजीपी](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2023/05/water-workshop-1_535.jpg?resize=1280%2C720&ssl=1)
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