alt="" width="720" height="533" /> विमेंस ट्रांसफॉर्मिंग अवार्ड सेरोमनी के दौरान सुचित्रा सिन्हा और अन्य[/caption]
सबर आदिम जनजाति उत्थान के लिए किया काम
सुचित्रा सिन्हा को सरायकेला के नीमडीह में पिछले ढाई दशक से सबर आदिम जनजाति के बीच काम करके उनके उत्थान के लिए अथक प्रयास के लिए चुना गया है. सुचित्रा सिन्हा ने सबर जनजाति के कारीगरों के हस्तशिल्प के हुनर को निखारने और उनके उत्पादों को बाजार देने के लिए उल्लेखनीय काम किए हैं. जिनमें निफ्ट से प्रशिक्षण के अलावा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेलों में भागीदारी भी शामिल हैं. नीमडीह के सबर आज दस हजार रूपए प्रतिमाह तक अर्जित कर रहे हैं. साथ ही उनके उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध हैं. देखें वीडियोबॉक्सर लोवलीना बोरगोहेन और महिला क्रिकेटर मानसी जोशी के हाथों मिला सम्मान
सुचित्रा सिन्हा को ये अवार्ड बॉक्सर लोवलीना बोरगोहेन और महिला क्रिकेटर मानसी जोशी के हाथों मिला. उन्होंने इस अवार्ड को सबर जनजाति के कारीगरों को समर्पित किया है. जिनके हस्तशिल्प देश विदेश में लोकप्रिय हुए और उन्हें ये सम्मान मिला. सुचित्रा सिन्हा ने ये भी कहा कि इस पुरस्कार से मेरी जिम्मेवारी और भी बढ़ गयी है, और आगे भी इसका निर्वहन पूरी ईमानदारी से करूंगी. साथ ही नीति आयोग को धन्यवाद देते हुए इस बात की खुशी भी जताई कि मेट्रोपोलिटन शहरों से निकल कर सूदूरवर्ती गांवों और क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को भी इस तरह के पुरस्कार मिल रहे हैं. इस वर्ष यह अवार्ड संयुक्त राष्ट्र सीआईएस सी, सीएसआर, आईसीसीआई और ग्रांट भारत के सौजन्य से दिया गया. इसे भी पढ़ें-जमीन">https://lagatar.in/to-loot-land-raghuvar-government-had-started-land-registry-scheme-in-the-name-of-women-for-re-1-hafizul/">जमीनलूटने के लिए रघुवर सरकार ने शुरू की थी महिलाओं के नाम 1 रुपये में जमीन रजिस्ट्री योजना : हफीजुल [wpse_comments_template]

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