भारतीय प्रबंधन संस्थान के अतिथि प्रोफेसर व अर्थशास्त्री रिजो एम जॉन ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है
Lagatar Desk : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विदेशों से कोरोना की वैक्सीन का आयात (खरीद) नहीं करेगी. यह काम राज्यों पर छोड़ देगी. समाचार एजेंसी रायटर ने 26 अप्रैल की रात यह खबर ब्रेक की है. जिसके मुताबिक दो अधिकारियों ने रायटर को बताया है कि केंद्र सरकार का यह फैसला कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने के अभियान को कमजोर कर सकता है.
खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार घरेलू टीका निर्माताओं को और मजबूत बनायेगी. इसके लिये निर्माताओं को अग्रिम राशि भी उपलब्ध करा दी गयी है. लेकिन यह नाकाफी है. पहले से ही टीके की उपलब्धता कम है. इसके बावजूद सरकार ने 18 साल तक के उम्र वालों के लिये टीका लेने का आदेश जारी कर दिया है.
टीके की खरीद का मामला राज्यों पर छो़ड़ने जा रही केंद्र सरकार
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मोदी सरकार ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को भारत में टीका की बिक्री करने की अनुमति दी थी. इसके लिये सरकार ने नियमों में ढ़ील भी दी थी. रायटर को केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया है कि भारत सरकार ने विदेशी कंपनियों को टीका बेचने की अनुमति जरूर दे दी है. लेकिन टीके की खरीद का मामला राज्यों की सरकार पर छो़ड़ने जा रही है. जबकि भारतीय कंपनियों से केंद्र सरकार उत्पादन का 50 प्रतिशत टीका खरीदती है.
भारत में सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटेक टीका बनाती है. अधिकारियों में से एक ने रायटर को बताया है कि भारत की दवा कंपनियों के स्थानीय भागीदारों द्वारा टीकों के आयात की अनुमति देगा. लेकिन केंद्र सरकार खरीद नहीं करेगी.
विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय ने जवाब नहीं दिया है
जिन अधिकारियों से रायटर ने बात की है, उन्हें मामले की प्रत्यक्ष जानकारी है. लेकिन इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए नाम प्रकाशित करने से मना कर दिया है. विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय ने रायटर के सवालों का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह टीकों के आयात के लिये एक ग्लोबल टेंडर जारी करेगी. महाराष्ट्र एक समृद्ध राज्य है. लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर राज्य बिना केंद्र की वित्तीय सहायता के टीका आयात करने में पिछड़ सकते हैं.
रायटर से बात करते हुए भारतीय प्रबंधन संस्थान के अतिथि प्रोफेसर व अर्थशास्त्री रिजो एम जॉन ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि टीके खरीदे जाने चाहिये. जिन्हें केंद्र द्वारा आयात किया जाये और लोगों को मुफ्त में दिया जाये.
फाइजर ने रायटर से कहा है कि वह मोदी सरकार से टीकों की आपूर्ति के बारे में बात कर रही है. सरकार से एक छोटा स्थानीय परीक्षण करने की मंजूरी मांगी है. लेकिन भारत में अपना वैक्सीन बेचने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं बनाई है. जबकि मॉडर्ना कंपनी ने इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.